वजन कम करने की सर्जरी से आपकी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं। अधिक वजन से परेशान दस से 12 प्रतिशत लोग आजकल बैरिएट्रिक सर्जरी को अपना रहे हैं और भारत में इसका क्रेज पिछले पांच सालों में अधिक बढ़ा है, लेकिन सर्जरी कराने वाले अधिकांश लोगों को पोस्ट सर्जरी असर की जानकारी नहीं है। लांस एंजिल्स से प्रकाशित एक शोध पत्रम् में इस बात का खुलासा किया गया है।
जर्नल जेबीएमआर प्लस में प्रकाशित एक अध्ययन में कहा गया है कि वजन घटाने के लिए कराई जाने वाली सर्जरी के बाद हड्डियों की संरचना में बदलाव होने लगता है। यह सिलसिला सर्जरी के बाद वजन में स्थिरता आने के बावजूद बंद नहीं होता। अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एनी शैफर ने बताया ह्यह्य चिकित्सा संबंधी वर्तमान दिशा निर्देशों में हड्डियों के स्वास्थ्य पर स्पष्टता है लेकिन ज्यादातर सिफारिशें निम्न स्तरीय प्रमाण या विशेषज्ञों की राय पर आधारित हैं। ह्णह्ण उन्होंने बताया कि पोषण संबंधी कारक , हार्मोन , शारीरिक अवसंरचना के तत्वों में समय के साथ होने वाला बदलाव और बोन मैरो की वसा हड्डियों के कमजोर या मजबूत होने का कारण हो सकते हैं। ज्यादातर अध्ययनों में रौक्स एन वाई गैस्ट्रिक बाइपास सर्जरी के प्रभावों का अध्ययन किया गया है। दुनिया भर में वजन घटाने के लिए यह सर्जरी की प्राथमिकता रही है। लेकिन हाल ही में इसकी जगह स्लीव गैस्ट्रेक्टोमी ने ले ली है। फिलहाल हड्डियों पर इस नवीनतम सर्जरी के प्रभावों का पता नहीं चल पाया है