नई दिल्ली: दिल्ली सरकार स्कूलों में एक नया प्रयास शुरू करने जा रही है। क्लास में शरारत करने वाले बच्चों पर अब माता पिता सीधे नजर रख सकेंगे, सभी एंड्रायड मोबाइल धारक अभिभावक इस सुविधा का लाभ उठा सकेगें, दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय पूर्वी दिल्ली के अंदर आने वाले मॉडल स्कूलों में यह सुविधा प्राथमिक चरण के रूप में शुरू की जाएगी। त्रिलोकपुरी ब्लॉक 27 स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाचार्य नानकचंद ने बताया कि पूर्वी दिल्ली के अंर्तगत आने वाले पांच मॉडल स्कूल में त्रिलोकपुरी का स्कूल प्रमुख है, जहां दोनों पालियों में करीब 2200 बच्चे पढ़ते है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्कूल में कई तरह की सुविधाएं बढ़ाई गई, हालांकि स्वीमिंग पूल का निर्माण जगह की कमी के चलते नहीं हो पाया है। प्रधानाचार्य ने बताया कि कुछ ही दिनों में स्कूल में प्रोजेक्टर के जरिए चलने वाली स्मार्ट क्लास शुरू की जाएगीं, सभी क्लास में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं, जिसको अभिभावकों के मोबाइल से जोड़ दिया जाएगा, इसका फायदा यह होगा कि माता पिता खुद स्कूल में पढ़ रहे बच्चे की गतिविधि पर नजर रख सकेगें। बच्चों के लिए न्यू क्लब और पीटीए मीटिंग के जरिए इलाके के ड्राप आउट बच्चों को पढ़ाई के लिए जागरूक किया जा रहा है। हालांकि प्रधानाचार्या ने बताया कि शिक्षकों की कमी का असर पढ़ाई पर पड़ता है, अभी गेस्ट टीचर की मदद से ही कई कक्षाएं संचालित की जा रही हैं।
रूखसाना है पसंदीदा अध्यापक
प्राइमरी कक्षा के बच्चों के बीच अध्यापिका रूखसाना खासी प्रचलित हैं, बच्चों की काउंसलिंग से लेकर उनकी हर छोटी बड़ी समस्या का ध्यान रूखसाना रखती हैं। प्राइमरी स्कूल में स्पार्ट यूनिट का कार्यभार भी रूखसाना के पास ही है। स्कूल से अपनी टीसी निकलवाने के लिए आएं छात्र अखिलेश ने बताया कि प्राइमरी कक्षा तक वह इन्हीं टीचर की बदौलत स्कूल में रहें, अब कक्षा छह में अध्यापिकाओं का वह सहयोग नहीं मिलता। अखिलेश आगे की पढ़ाई गांव में रहकर करेंगे। रूखसाना यहां प्राइमरी स्कूल के बच्चों के बीच बहुत प्रचलित है, किसी भी समस्या का सामधान ढुंढने के लिए बच्चे इस टीचर के पास ही आते हैं, स्कूल की नौकरी से अलग भी रूखसाना बच्चों को मन लगाकर पढ़ने के लिए प्रेरित करती है।