नई दिल्ली,
किग्सवें कैंप स्थित राजनबाबू टीबी अस्पताल में नर्सिंग स्टॉफ की एअरपोर्ट पर कोरोना मरीजों की स्क्रीनिंग के लिए ड्यूटी लगाई गई थी। पांच नर्सों के रोस्टर चार्ट के आधार पर दो हफ्ते तक 12 नर्सों को एअरपोर्ट भेजा गया। अब क्योंकि एक हफ्ते पहले अंर्तराज्यीय और अंर्तराष्ट्रीय उड़ाने रद्द कर दी गई हैं तो नर्सिंग स्टॉफ को दोबारा अस्पताल में ड्यूटी पर लगा दिया गया है। वापस आने के बाद नर्सों की किसी तरह की स्क्रीनिंग नहीं की गई, जबकि एक नर्स चार दिन से बुखार और गले में खराश की शिकायत कर रही है। हालंकि नर्सिंग इंचार्ज ने स्टॉफ के अन्य लोगों के कहने पर एक नर्स को क्वारंटाइन में भेज दिया है, लेकिन बाकी नर्सों को आइसोलेट नहीं किया गया है, जिससे अस्पताल के अन्य स्टॉफ में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है। टीबी के मरीजों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण उन्हें वैसे ही संक्रमण का खतरा अधिक होता है, ऐसे में बीमार नर्स वायरस की संवाहक हो सकती हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एअरपोर्ट पर विदेश से आने वाले यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए सभी सरकारी और एमसीडी के अस्पतालों से नर्सों की ड्यूटी लगाई गई, जिसमें राजनबाबू टीबी अस्पताल से भी पांच पांच नर्स के रोस्टर में 12 नर्सों की ड्यूटी एअरपोर्ट पर लगाई गई। एक हफ्ते पहले लॉकडाउन की घोषण के बाद सभी की एअरपोर्ट से ड्यूटी हटा ली गई और उन्हें वापस टीबी अस्पताल बुला लिया गया। इसमें से कुछ नर्सों की तबियत ठीक नहीं बताई जा रही है, बावजूद इसके उन्हें क्वारंटाइन मेंनहीं रखा गया। अस्पताल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बीमार रहने की स्थिति में काम करते हुए रोजाना बीमार नर्सें दस से बारह लोगों के साथ ही मरीजों के संपर्क में भी आ रही है, ऐसे में टीबी अस्पताल में कोरोना का खतरा बना हुआ है। टीबी अस्पताल में स्टाफ नर्स के साथ ही मरीजों के साथ अस्पताल में ठहरे हुए तीमारदारों के लिए भी स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे सही समय पर मरीजों को आइसोलेट किया जा सके। दिल्ली नगर निगम के तहत आने वाले अस्पताल में स्क्रीनिंग की व्यवस्था को लेकर जब प्रशासन से बात करने की कोशिश की गई तो कोई जवाब नहीं मिला।