स्वस्थ्य रहने के लिए शरीर, मस्तिष्क और आत्मा का समन्वय जरूरी- अश्विनी कुमार चौबे

नई दिल्ली,
भारत सरकार के स्वास्थ्य राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि कोरोना काल में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने की अधिक जरूरत है। शरीर, मस्तिष्क और आत्मा के सामंजस्य से स्वस्थ्य रहा जा सकता है। स्वास्थ्य राज्य मंत्री पीएचडी (कॉमर्स एंड इंडस्ट्री एसोसिएशन) चेंबर द्वारा आयोजित फोकस ऑन वेलनेस वेबिनार को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम को एमवे द्वारा प्रायोजित किया गया।
श्री अश्विनी कुमार चौबे ने कहा कि शरीर एक मंदिर के समान है, और हमें इसका ध्यान मंदिर की तरह ही रखना चाहिए। हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि शरीर रूपी मंदिर को हम स्वच्छ रखें जिससे इसमें एक स्वस्थ्य आत्मा का वास हो सके। उन्होंने प्राचीन समय को दोहराते हुए कहा कि पुराने समय में हम स्वस्थ्य रहने के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक जड़ी बुटियों पर अधिक निर्भर थे, गिलोय और अश्वगंधा आदि कई तरह की चिकित्सीय औषधि युक्त जड़ीबुटिया स्वस्थ्य रखने के साथ ही हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाती हैं। स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने प्रकृति के सानिध्य में रहने पर भी जोर दिया और कहा कि सुबह के समय सूरज की रौशनी का सेवन करना चाहिए और शाकाहार को नियमित भोजन में शामिल करना चाहिए। एमवे इंडिया लिमिटेड इंडिया के कारपोरेट अफेयर प्रमुख रजत बेनर्जी ने कहा कि कोरोना काल में हमें मुश्किल घड़ी में खड़ा कर दिया है, ऐसे में हमें कार्यालयों में काम करने वाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य और उनके स्वस्थ्य वातावरण पर भी ध्यान देना चाहिए। बीते कुछ सालों में भारत योग और आयुर्वेद का हब बनकर उभरा है, उन्होंने कहा कि वैश्विक पटल पर भारतीय आयुर्वेदिक युक्त औषधि जैसे तुलती, अध्वगंधा, विटामिन सी और डी सहित रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले प्राकृतिक सप्लीमेंट की मांग बढ़ी है। पीएचडी चेंबर के अध्यक्ष डॉ. डीके अग्रवाल ने कहा कि सरकार कोरोना से बचाव के लिए घर पर ही रहने पर जोर दे रही है, लेकिन यह हमेशा संभव नहीं है, इसलिए कामकाजी युवाओं के स्वस्थ्य रहने और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करने की जरूरत अधिक बढ़ गई है। वर्कप्लेस पर ऐसे बंदोबस्त किए जाएं जिससे कर्मचारियों को स्वास्थ्यवर्धक माहौल मिल सके। उन्होंने तनाव मुक्त जीवन के लिए योग और आसन का महत्व बताते हुए कहा कि स्वस्थ्य रहने के लिए योग और ध्यान से मस्तिष्क की एकाग्रता बढ़ती है, इससे कार्यक्षमता भी बेहतर होती है। कार्यक्रम का संचालन पीएचडी चेंबर के प्रिंसिपल निदेशक डॉ. योगेश श्रीवास्तव, पीएचडी चेंबर के झारखंड राज्य के चेअरमैन विशाल चौधरी सहित कई वेबिनार के माध्यम से इस कार्यक्रम में सम्मलित हुए।

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