स्वास्थ्य के क्षेत्र में हो रहे हैं प्रयोग और खिलवाड़- राम बहादुर

नई दिल्ली,
चिकित्सा जगत में मरीजों के साथ देश में खिलवाड़ और बेवजह के प्रयोग किए जा रहे हैं, स्वस्थ्य भारत ट्रस्ट न्यास के चौथे स्थापना दिवस समारोह पर बोलते हुए वरिष्ठ पत्रकार और पदम श्री श्री राम बहादुर राय ने उपरोक्त बातें कहीं, उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न मुद्दों पर स्वस्थ्य भारत ट्रस्ट न्याय लोगों के बीच जागरूकता फैलाने का काम कर रहा है। न्यास के कार्यो की मैं सराहना करता हूं, उन्होंने कहा कि मैं यह मजाक में कह रहा हूं कि भारत में 130 करोड़ की आबादी है तो 132 करोड़ चिकित्सक हैं, यानि किसी को कोई बीमारी होती है तो उसे इलाज संबंधी सलाह देने वालों की लाइन लग जाती है।
लोगों को सस्ती दवा कहां मिलेगी कैसे मिलेगी, इस तरह की तमाम जानकारियों से अवगत कराने का काम स्वस्थ भारत कर रहा है। ट्रस्ट के दल ने स्वस्थ भारत यात्रा 2 के जरिए 70 दिनों में 16000 किलोमीटर की अपनी यात्रा पूरी की। न्यास के चौथे स्थापना दिवस पर इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय कलाकेन्द्र में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ पत्रकार और पदमश्री श्री राम बहादुर सिंह ने स्वास्थ्य क्षेत्र से संबंधति कई पहलूओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने एक घटना का जिक्र करते हुए कहा कि किस तरह एचआईवी की एक अंर्तराष्ट्रीय रिपोर्ट को प्रकाशित होने से पहले सभी पहलूओं को जांचा गया तो पाया गया कि रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ो के अनुसार उस समय देश में मेडिकल इमरजेंसी लग जानी चाहिए, लेकिन विशेषज्ञों से राय जुटाने और तथ्यों को जांचा गया तो पाया गया कि खबर एक अंर्तराष्ट्रीय दबाव में एचआईवी संक्रमण के गलत आंकड़े मीडिया तक पहुंचाए गए थे, जिसे बाद मेंं तकनीकि खामी का नाम दिया गया, और इस तरह एक गलत जानकारी अखबरों में प्रकाशित होने से बच गई। श्री राय बहादुर राय जी ने स्वास्थ्य पत्रकारिता से समाजिक सरोकार में सक्रिय हुए स्वस्थ भारत ट्रस्ट न्यास के आशुतोष सिंह की तुलना अकाल पीड़ितों की बेहतर रिपोर्टिंग करने वाले पी साईंनाथ और किसानी पर लेखनी के लिए मशहूर देवेन्द्र शर्मा से की, उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य में चलाए गए आशुतोष के इस अभियान को निश्चित रूप से राष्ट्रीय मुद्दा बनेगा। मौके पर उपस्थित आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक केजी सुरेश ने कहा कि स्वास्थ्य पत्रकारिता में साक्ष्य आधारित रिपोर्टिंग किए जाने पर बल दिया जाना चाहिए, उन्होंने स्वास्थ्य रिपोर्टिंग की बारीकियों के बारे में स्वास्थ्य पत्रकारों को प्रशिक्षण देने की बात कही। वरिष्ठ पत्रकार ओंकेश्वर पांडेय ने कहा कि देश में स्वास्थ्य संबंधी रेगूलेटरी बोर्ड को और भी मजबूत बनाए जाने की जरूरत है, जिससे लोगों को नकरी दवाओं से बचाया जा सके। उन्होंने सरकार की जनऔषधि योजना और आयुष्मान भारत योजना की तारीफ करते हु कहा कि इन योजनाओं से लोगों की सेहत की रक्षा हो सकेगी। प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना के सीईओ सचिन कुमार सिंह ने कहा कि जनऔषधि के कारण देश में दो हजार करोड़ रूपये की बचत हुई है, उन्होंने कहा कि विगत तीन वर्षो में प्रधानमंत्री जनऔषधि योजना के कई नए स्टोल खुले हैं और लोगों को सस्ती दवाएं उपलब्ध कराने के मिशन को पूरा किया जा रहा है। आयुष्मान भारत पर बोलते हुए राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण की कार्यकारी निदेशक वित्त गीताली तारे ने कहा कि योजना के जरिए देश की चालीस फीसदी जनता को स्वास्थ्य सुरक्षा मुहैया कराने का काम किया गया है। उन्होंने मीडिया से योजना के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता बढ़ाने की अपील की। इससे पहले स्वस्थ भारत ट्रस्ट न्यास के अध्यक्ष आशुतोष कुमार सिंह ने पीपीटी के माध्यम से अपनी स्वस्थ भारत ट्रस्ट की स्वस्थ भारत यात्रा दो के बारे में लोगों को बताया। यात्री दल के वरिष्ठ सदस्य पत्रकार प्रसूत ललांत ने अपना अनुभव साझा करते हुए कहा कि सेहत के क्षेत्र मे अभी भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है, धीपद्ध द्दिवेदी ने स्वस्थ भारत न्यास का परिचय कराया। कार्यक्रम में वरिष्ठ न्यूरो सर्जन मनीष कुमार, कैंसर रोग विशेषज्ञ सुशील कुमार, वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. आर कांत, डॉ. संजीव कुमार एवं अफरोज आलम सहित कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपने अनुभव साझा किए।

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