नई दिल्ली,
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सर्वाइकल कैंसर के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है और इस बावत सचेत रहने के लिए कहा है। अकेले वर्ष 2018 में सर्वाइकल कैंसर के 158,000 नये मामले सामने आए, और इसी वर्ष कैंसर की वजह से कुल 95,766 लोगों की मौत हो गई। दक्षिण पूर्वी एशिया समूह के देशों में भूटान, मालदीव, श्रीलंका और थाईलैंड ने राष्ट्रीय स्तर पर एचपीवी वैक्सीन कार्यक्रम लांच किए हैं। बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए डब्लूएचओ ने वर्ष 2030 तक 15 साल की आयु की 90 प्रतिशत लड़कियों को एचपीवी वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा है।
दिल्ली में आयोजित डब्लूएचओ की रिजनल कमेटी के 72वें सत्र में बोलते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों की क्षेत्रीय निदेशक डॉ. पूनम खेत्रपाल ने कहा कि हमें रोग के जांच, उपचार और लक्षणों के पहचाने के लिए अधिक तेजी से गुणवत्ता युक्त काम करना होगा। इस क्षेत्र में अधिकांश देश, जोखिम और कारणों को पहचान कर उन दिशा में काम कर रहे हैं। ह्युमन पैपीलोमा वैक्सीन से सर्वाइकल कैंसर से बचाव संभव है, इस प्री कैंसर की स्टेज में देने पर 80 प्रतिशत तक कैंसर से बचाव संभव है, इसलिए हमने वर्ष 2030 तक 15 साल की आयु की 90 प्रतिशत और 35 से 45 साल की आयु वर्ग की 70 प्रतिशत महिलाओं की हाई प्रीसिजन जांच और सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिलाओं के शत प्रतिशत इलाज का लक्ष्य रखा है। मालूम हो कि विश्व स्वास्थ्य संगठन सर्वाइकल कैंसर से बचाव को अधिक महत्व दे रहा है क्योंकि दुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित महिलाओं की जानें अधिक जा रही हैं।