2020 तक तपेदिक को जड़ से खत्म करना है- हर्षवर्धन

नई दिल्ली, केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने बुधवार को कहा कि सरकार 2025 तक तपेदिक (टीबी) का उन्मूलन करने के लिए बहु-क्षेत्रीय तथा समुदाय नीत नजरिए के जरिए एक राष्ट्रीय आंदोलन तैयार कर रही है। उन्होंने ‘भारत तपेदिक रिपोर्ट 2019’ जारी करने के बाद कहा कि केंद्र ने तपेदिक कार्यक्रम के लिए धनराशि का आवंटन भी बढ़ाकर चार गुना कर दिया है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने एमडीआरटीबी की वजह से हुई उनके साले की मौत का अनुभव भी साक्षा किया।
केन्द्रीय मंत्री अपने संबोधन के दौरान उस समय भावुक हो गए जब उन्होंने बताया कि कैसे उनके साले की मृत्यु लंबी बीमारी के बाद मल्टी-ड्रग रेजिस्टेंट टीबी (एमडीआर-टीबी) से हो गई। हर्षवर्धन उस समय दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री थे। उन्होंने कहा, ‘यहां तक कि उन्हें दिल्ली सरकार के एक शीर्ष अस्पताल में भर्ती कराया गया, और मेरे दिल्ली का स्वास्थ्य मंत्री होने के बावजूद, हम उसे बचा नहीं सके, इसलिए हमें इस बीमारी को खत्म करने के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन खड़ा करना होगा।’
एक रिपोर्ट के मुताबिक संशोधित राष्ट्रीय तपेदिक नियंत्रण कार्यक्रम (आरएनटीसीपी) के तहत वर्ष 2018 में तपेदिक के 21.5 लाख मामले दर्ज किए गए, जो 2017 के मुकाबले 16 प्रतिशत अधिक है और अभी तक का सर्वाधिक है। वर्धन ने कहा, ‘बहु-क्षेत्रीय और समुदाय नीत नजरिया अपना कर हम 2025 तक तपेदिक को खत्म करने के लिए एक राष्ट्रीय आंदोलन तैयार कर रहे हैं। इसके अनुरूप ही हमने तपेदिक कार्यक्रम के लिए आवंटन को चार गुना बढ़ा दिया है और हमें लक्ष्य हासिल करने का भरोसा है।’
तपेदिक उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय रणनीतिक योजना (एनएसपी 2017-25) के तहत आरएनटीसीपी निजी क्षेत्र की भागीदार को मजबूत कर रहा है ताकि तपेदिक के अधिक मरीजों तक पहुंचा जा सके और इलाज की सुविधा बढ़ाई जा सके। वर्धन ने कहा, ‘इन पहल के चलते कुल दर्ज मामलों में 25 प्रतिशत (5.4 लाख) मामले निजी क्षेत्र से आए, जो बीते साल के मुकाबले 40 प्रतिशत अधिक है।’
भाषा

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