2022 तक 372 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच जाएगा भारतीय चिकित्सा उद्योग

नई दिल्ली,
भारतीय स्वास्थ्य देखभाल और चिकित्सा उपकरण उद्योग में पिछले कुछ वर्षों में खासा उछाल देखा गया है। 2022 तक इस क्षेत्र के यूएस 372 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की ओर उम्मीद है। अकेले चिकित्सा उपकरण उद्योग के 2025 तक यूएस 64 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। इस संदर्भ में सीएजीआर वृद्धि भारतीय अस्पताल उद्योग वैश्विक परिदृश्य की तुलना में दोगुने से अधिक है जहां यह 16 से 17 प्रतिशत की तीव्र दर से बढ़ रहा है जबकि वैश्विक विकास का मूल्य छह से सात प्रतिशत है।
कोविड-19 युग भारतीय स्वास्थ्य सेवा प्रणाली और विशेष रूप से चिकित्सा उपकरण उद्योग के लिए चुनौतीपूर्ण समय था क्योंकि इस क्षेत्र ने मरीजों का इलाज करने के लिए जबरदस्त साहस दिखाया और उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करते हुए मरीजों का जीवन बचाने में जुटे रहे। आय के बढ़ते स्तर, बढ़ती उम्र, बढ़ती स्वास्थ्य जागरूकता और निवारक स्वास्थ्य देखभाल के प्रति बदलते रवैये से भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं की मांग को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
एफडीआई को प्रोत्साहित करने के लिए अनुकूल नीतियों कर लाभ और अनुकूल सरकारी नीतियों के साथ-साथ आशाजनक विकास संभावनाओं ने उद्योग को निजी इक्विटी (पीई), उद्यम पूंजी (वीसी) और विदेशी खिलाड़ियों को आकर्षित करने में मदद की है। भारत 2020 में विश्व बैंकों की ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैंकिंग में 190 देशों में 63वें स्थान पर पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2019 में भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र चौथे सबसे बड़े नियोक्ता के रूप में खड़ा था क्योंकि इसमें कुल 319,780 लोग कार्यरत थे। इस क्षेत्र से 2020 तक भारत में 40 मिलियन नौकरियां पैदा करने की उम्मीद है। एशियन रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट फॉर स्किल ट्रांसफर ने 2022 तक लगभग एक मिलियन कुशल स्वास्थ्य सेवा प्रदाता बनाने की योजना की घोषणा की और भारत इसके लिए सबसे आगे है। आज भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग 2030 तक 50 बिलियन डॉलर मेडटेक ड्रीम की ओर अग्रसर है। इसके उत्प्रेरक के रूप में कार्य करने के लिए और एएमटीजेड- आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन लिमिटेड के तत्वावधान में हम आईसीईएक्सपीओ के साथ भारत में मेडिकल और हेल्थकेयर बिरादरी के साथ मिलकर इंडिया इंटरनेशनल मेडिकल इक्विपमेंट एंड हॉस्पिटल्स नीड एक्सपो और समिट का आयोजन कर रहे हैं। यह शो 11 से 13 दिसंबर 2021 तक होने वाला है।
तीन दिनों के हाइब्रिड शो को इसके उद्योग हितधारकों- इन्वेस्ट इंडिया- इन्वेस्टमेंट प्रमोशन काउंसिल, एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स इंडिया (अऌढक), कंसोर्टियम ऑफ एक्रिडिटेड हेल्थकेयर ऑर्गनाइजेशन एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री का समर्थन प्राप्त है। एसोसिएशन ऑफ डायग्नोस्टिक्स मैन्यूफक्चरर्स ऑफ इंडिया (एडीएमआई) फोर्स बायोमेडिकल और पब्लिक प्रोक्योरमेंट ग्रुप के अतिरिक्त गणमान्य व्यक्ति और उद्योग सहयोगी शिखर सम्मेलन और एक्सपो के तीन दिनों में एक उच्च स्तरीय चर्चा मंच के लिए एकत्रित होगें क्योंकि हम ‘2030 तक 50 बिलियन डॉलर के मेडटेक ड्रीम’ की दिशा में एक मजबूत मार्ग तैया कर रहे हैं।
उद्योग विशिष्ट सम्मेलन पूर्ण सत्र, खरीद कार्यशालाएं, बी 2 बी और बी 2 जी बैठके और डॉक्टरों के सीएमई और हेल्थकेयर उत्कृष्टता पुरस्कार भारत को चित्रित करने वाले विशेष सत्रों के साथ-साथ मेडटेक में नेक्स्ट इन्वेस्टमेंट फ्रंटियर के रूप में चलेंगे। पूरे एक्सपो और शिखर सम्मेलन की योजना ग्रेट विजनरी की 90वीं जयंती पर श्रद्धांजलि के रूप में बनाई गई है। प्रदर्शनी के तीन दिनों में भारतीय चिकित्सा उपकरणों और हेल्थकेयर उद्योग के विकास पर अधिक ध्यान केन्द्रित किया जाएगा, जो प्रधानमंत्री मोदी के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को उजागर करेगा। मेड टेक वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अगला सूर्योदय क्षेत्र है जो अभूतपूर्व गति से तेजी से बढ़ रहा है, इसमें रोगी देखभाल, किफायती स्वास्थ्य, तकनीकी विकास और आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा देने की क्षमता है।
आंध्र प्रदेश मेडटेक जोन लिमिटेड (एएमटीजेड) के प्रबंध निदेशक और सीईओ डॉ जितेंद्र शर्मा ने कहा कि आईसीईएक्सपीओ- मेडिकल डिवाइसेस मेड टेक में देखभाल, क्षमता और रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए हमारी सहक्रियाओं को बढ़ाने के लिए एक ऐतिहासिक और अनूठा प्रवेश द्वार होगा” कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर फोरम समन्वयक श्री राजीव नाथ (भारतीय चिकित्सा उपकरण उद्योग संघ और हिंदुस्तान सीरिंज और चिकित्सा उपकरण) तथा प्रबंध निदेशक ने बताया कि आईआईएमई आईआईएचएन के रूप में उद्घत भारतीय चिकित्सा की क्षमताओं को प्रदर्शित करेंगे। भारतीय मैन्यूफैक्चर्र भारत को आयात पर निर्भर होने से लेकर आत्मनिर्भर बनने और माननीय प्रधान मंत्री की इच्छा के अनुसार निर्यात सक्षम बनाने में मदद कर रहे हैं।”
भारत में मान्यता प्राप्त हेल्थकेयर संगठनों के कंसोर्टियम के अध्यक्ष डॉ संजय अग्रवाल ने बताया कि ” सीएएचओ (काहो) स्वस्थ भारत विजन 2025 का समर्थन करता है जिसमे हम स्वास्थ्य सेवा वितरण में रोगी की सुरक्षा और गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह स्वास्थ्य देखभाल को सुलभ, सुरक्षित और किफायती बनाने में प्रौद्योगिकी एक बड़ी भूमिका निभाएगी। दिसंबर 2021 में एक्सपो का विषय भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रौद्योगिकी को बदलना है-स्वस्थ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रतिमान बहुत उपयुक्त है।

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