नई दिल्ली,
भारत ने 34 दिनों में एक करोड़ लोगों को कोरोना का वैक्सीन दिया है। कोरोना टीकाकरण के लिए देशभर में अब तक दो लाख से अधिक 2.11 वैक्सीन सेशन आयोजित किए गए हैं। एक फरवरी से फ्रंट लाइन वर्कर को वैक्सीन दिया जाना शुरू किया गया, 19 दिनों में 33 लाख वर्कर को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है। सबसे अहम है कि कोरोना टीकाकरण के भारत के अब तक के अभियान में वैक्सीन के दुष्प्रभाव बहुत कम देखे गए हैं। केवल 40 केस ऐसे दर्ज किए गए, जहां कोरोना की वैक्सीन लगने के बाद मामूली साइड इफेक्ट्स देखे गए। कोरोना टीकाकरण के संदर्भ में यह आंकड़े केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना टीकाकरण के मामले में भारत का स्थान विश्व भर में दूसरे नंबर पर है। 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण के बाद मात्र 34 दिनों में एक करोड़ एक लाख 88 हजार लोगों को कोरोना का वैक्सीन दिया जा चुका है। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि भारत में इमरजेंसी इस्तेमाल के प्रयोग की जाने वाली दोनों ही वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सिन सुरक्षा और गुणवत्ता के सभी मानकों का पालन करती हैं। इसके बारे में किसी भी तरह का भ्रम रखना गलत है। एक करोड़ कोरोना टीकाकरण करके भारत से यह साबित कर दिया कि दोनों ही वैक्सीन बेहतर हैं। उन्होंने कहा कि अब तक वैक्सीन के बाद होने वाले दुष्प्रभाव के केवल 40 मामले देखे गए हैं, वैक्सीन लगने के बाद 32 लोगों की मौत हुई, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कोरोना वैक्सीन को उनकी मौत की वजह नहीं पाया गया। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों ने कोरोना के खिलाफ जंग में अहम भूमिका निभाई है अब उन्हें बढ़ चढ़ कर कोरोना का वैक्सीन लगवा कर समाज को एक अच्छा संदेश देना चाहिए।
छह मार्च तक सभी करा लें वैक्सीन के लिए पंजीकरण
कोरोना टीकाकरण के लिए सभी राज्यों को निर्देश दिया गया है कि जिन स्वास्थ्य कर्मियों को अभी तक वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगी है वह कोविन एप के जरिए 25 फरवरी तक अपना पंजीकरण अवश्य करा लें, इसी तरह जिन फ्रंटलाइन वर्कर ने अभी तक खुद को टीकाकरण के लिए पंजीकृत नहीं किया है वह सभी एक मार्च तक कोविन पर पंजीकरण कराएं, एक मार्च के बाद भी यदि कोई पंजीकरण नहीं कराता है तो दोबारा पंजीकरण कराने के लिए छह मार्च तक का मॉपअप राउंड शुरू किया जाएगा।
वैक्सीन से नहीं होगी नपुंसकता
कोरोना वैक्सीन को लेकर फैली भ्रांतियों को स्पष्ट करते हुए केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि वैक्सीन को लेकर लोगों को अभी भी सही जानकारी नहीं है। अधिकांश लोगों को ऐसा लग रहा है कि वैक्सीन लगने के बाद यदि शराब का सेवन किया गया तो उनमें नपुंकसता आ जाएगी, जबकि ऐसा नहीं है देशभर में एक बड़ी संख्या में लोगों ने कोरोना का वैक्सीन लगवाया है और सभी सुरक्षित हैं। शराब और वैक्सीन को लेकर ऐसे किसी भी दुष्प्रभाव के वैज्ञानिक प्रमाण नहीं हैं।
कोरोना वैक्सीन को लेकर सामान्य प्रश्न
– कोरोना से ठीक होने वाले मरीज़ों को भी कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेनी है। इससे ही मजबूत और अधिक दिनों तक चलने वाली एंटीबॉडी बनती है
– डायबिटीज़, ब्लड प्रेशर और आर्थराटिस के मरीज़ों को बीमारी की सामान्य स्थिति होने पर वैक्सीन जरूर लगवाना है। इसके लिए अपने फिजिशियन से जरूरी संपर्क करें।
– खून पतला करने की दवाएँ लेने वाले मरीज भी वैक्सीन लगवा सकते हैं, उनको यह देखना होगा कि वैक्सीन के बाद कुछ नीलापन तो नहीं है। ऐसी शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सक को दिखाएं
– गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ ही 18 साल से कम उम्र के बच्चों को फिलहाल वैक्सीन नहीं लगवाना है।
– कोरोना की दोनों ही वैक्सीन नये म्यूटेट संक्रमण के प्रति भी कारगर है।
– वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी मास्क पहनना, निर्धारित दूरी का पालन और नियमित हाथ धोते रहना है।
– कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लगने के 14 दिन बाद एंटीबॉडी बनती है, इसलिए वैक्सीन की दोनों डोज जरूरी है।
नोट- जानकारी डॉ. एनके अरोड़ा, प्रमुख कोविड टास्क फोर्स आईसीएमआर और इंक्लेन ट्रस्ट द्वारा दी गई