Covid Vaccine का हृयुमन ट्रायल Aiims सहित 12 अस्पतालों में

नई दिल्ली: भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने भारत बायोटेक के (BBIL) साथ हुए करार के बाद 15 अगस्त तक कोरोना की वैक्सीन बाजार में लांच करने की घोषणा की है। इस वैक्सीन के हृयुमन ट्रायल या मानव परीक्षण की अनुमति दे दी है। एक साथ दोनों फेज का ट्रायल पूरा किया जाएगा। ट्रायल एम्स दिल्ली, हैदराबाद, निजाम इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस, दे बेलागावी सखी मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल सहित देश के 12 अन्य अस्पताल में किया जाएगा। भारत बायोटेक के अलावा अहमदाबाद की जायडस कैडिला को (ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिय DGCI)ने कोवासिन के मानव परीक्षण की अनुमति दी है। संभवत: इन दोनों ही भारतीय कंपनियों को कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराने का जिम्मा दिया जाएगा।
कोरोना वैक्सीन के लिए एसएआरएस सीओवी टू स्ट्रेन (SARS CVO2) का प्रयोग किया गया है। क्योंकि कोरोना को इसी समूह का वायरस माना गया है। आईसीएमआर द्वारा जारी एक आधिकारिक सूचना के अनुसार देश में कोरोना महामारी की स्थिति को देखते ही हैदराबाद की भारतीय फार्मा कंपनी भारत बायोटेक के साथ हुए करार में 15 अगस्त तक वैक्सीन को लांच करने की सहमति हो गई है। आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने बताया कि 15 अगस्त तक जरूरी तीसरे चरण का मानव परीक्षण भी पूरा कर लिया जाएगा (बीबीआईएल भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड) की बनाई इस वैक्सीन को बाजार में बीबीवीवन कोविड वैक्सीन के नाम से लांच किया जाएगा। वहीं सरकार जायडस कैडिला के दावे को भी नजरअंदाज नहीं कर रही है। भारत बायोटेक के बाद जायडस से कोरोना वैक्सीन बनाने की अपनी दावेदारी पेश की थी, डीजीसीआई ड्रग्स कंट्रोलर ऑफ इंडिया ने जायडस द्वारा निर्मित कोविड वैक्सीन को भी मानव परीक्षण की अनुमति दी है। आईसीएमआर के पुणे स्थित इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी एनआईवी की भी वैक्सीन के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

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