नई दिल्ली,
दिल्ली के उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस के सभी जवानों के लिए कोरोना के इलाज और जांच संबंधी अलग व्यवस्था की है। बावजूद एक हृदयविदारक घटना सामने आई है। भारत नगर पुलिस स्टेशन पर तैनात कांस्टेबल को कोरोना के लक्षण होने पर भी उसे दिल्ली के किसी सरकारी अस्पताल में इलाज नहीं मिल पाया। मरीज के साथ उन्हें एक अस्पताल से लेकर दूसरे अस्पताल तक भटकते रहे, छह मई को सुबह कांस्टेबल की मौत हो गई। इसी दिन उनकी कोरोना संक्रमण की पॉजिटिव रिपोर्ट आई।
कांस्टेबल अमित राणा के इलाज में घोर लापरवाही बरती गई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दो दिन पहले ही मृतक की तबियत खराब हुई, उसे सोमवार देर रात सिर में तेज दर्द हुआ। इसके बाद उसी दिन सुबह उसे उल्टियां शुरू हो गई। कांस्टेबल के सहयोगी नवीन के अनुसार मंगलवार सुबह तक उसे सांस लेने में दिक्क्त हुई तो पहले राम मनोहर लोहिया अस्पताल ले गए, जहां मरीज को भर्ती नहीं किया यह कह कर दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल भेज दिया गया कि पहले जांच की जाएगी फिर कोविड का इलाज शुरू होगा। अंबेडकर अस्पताल में कोविड की केवल जांच होती है यह कहकर मरीज को वापस भेज दिया गया। इसके बाद भारत नगर थाने के दीप चंद बंधु अस्पताल में मरीज का कोरोना सैंपल जांच के लिए दिया गया। मंगलवार की रात अमित राणा की तबियत बेहद खराब हो गई, उसे सांस लेने में बहुत तकलीफ होने लगी, बुधवार की सुबह सहयोगी नवीन उसे तुरंत एंबुलेंस में लेकर आरएमएल अस्पताल की तरफ निकले, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही बुधवार की सुबह अमित राणा से दम तोड़ दिया। इस बीच सहयोग नवीन ने कई बड़े अधिकारियों को भी सहायता के लिए संपर्क किया गया, लेकिन कहीं से कोई पॉजिटिव परिणाम नहीं आया। अमित राणा की मौत के बाद अब अधिकारी उसके संपर्क में आए लोगों को क्वारंटीन और जांच करने में जुट गए है।