सरकारी अस्पताल में एक महीने के अंदर तैनात होंगे मार्शल

नई दिल्ली,
सोमवार को दिल्ली की सरकारी अस्पतालों की ओपीडी सहित इमरजेंसी सेवाएं मरीजों के लिए बंद रही, बताया जा रहा है कि लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में एक जूनियर चिकित्सक की पिटाई के बाद सोमवार सुबह से ही चिकित्सकों ने काम न करने की ठान ली, जिसके बाद दिन भर ओपीडी सहित इमरजेंसी सेवाएं भी बुरी तरह बाधित रही। लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल की इस हड़ताल में मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज सहित कई प्रमुख पांच अस्पताल के चिकित्सकों ने काम नहीं किया। जिसकी वजह से दूर दराज से दिल्ली इलाज कराने आए मरीजों को मायूसीका सामाना करना पड़ा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रविवार शाम लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के अलावा महर्षि बाल्मिकी अस्पताल में भी इमरजेंसी में चिकित्सकों के साथ पिटाई गई, जिसके विरोध में सोमवार से ही प्रमुख सरकारी अस्पताल की सेवाएं बंद रही। हड़ताल में लोकनायक जयप्रकाश, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, सुश्रुत ट्रामा, जीबी पंत, गुरूगोबिंद नेत्र चिकित्सालय और महर्षि बाल्मिकी अस्पताल शामिल हुए, हालांकि एम्स के आरडीए और आईएमए ने भी चिकित्सकों पर बढ़ने हमले का विरोध किया। देर शाम लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के आरडीए का एक दल दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येद्र जैन से मिला, जिसके बाद चिकित्सकों की सुरक्षा संबंधी परेशानी को एक महीने के भीतर हल करने को कहा गया है। स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वासन दिया कि एक महीने के अंदर सभी प्रमुख सरकारी अस्पतालों में मार्शल तैनात कर दिए जाएंगे।

एंबुलेंस में ही एंबुलेस में ही वापसी
सोमवार को बुलंदशहर से एंबुलेंस में अपने मरीज को इलाज के लिए लेकर आई मालती बिना इलाज वापस लौट गई। इमरजेंसी में चिकित्सक नहीं थे, इसलिए पंजीकरण भी नहीं हो पाया, मालती ने बताया कि मरीज को डिहाइड्रेशन है बुलंदशहर से दिल्ली भेजा गया, यहां हमें बिना इलाज वापस भेजा जा रहा है। मालती की तरह की कई मरीज ओपीडी और इमरजेंसी के बाहर इलाज बिना परेशान दिखे। मालूम हो कि दिल्ली के सभी प्रमुख अस्पतालों में सोमवार को ही सबसे अधिक भीड़ होती है, जबकि अन्य राज्यों से मरीज यहां इलाज के लिए आते हैं।

जल्दी धैये खो देते हैं जूनियर
एम्स के पूर्व फैकल्टी और सरगंगाराम अस्पताल के आर्थोपीडिशिन डॉ. सीएस यादव ने बताया कि अधिकतर जूनियर चिकित्सकों के साथ ही मारपीट क्यूं होती हैं, इसकी वजह है कि मेडिकल की पढ़ाई करने के बाद भी चिकित्सक मरीजों से शालीनता से पेश नही आते, यही वजह है कि सिनियर चिकित्सकों के साथ कभी ऐसी वाक्ये नहीं होते, पढ़ाई के साथ ही चिकित्सकों के मरीजों का दवाब झेलने और अच्छे व्यवहार को भी ध्यान रखना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *