नई दिल्ली
सफदरजंग अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए अस्पताल परिसर में क्रेच की शुरूआत की गई है। स्टाफ कर्मचारियों की ड्यूटी के रोस्टर चार्ट के अनुसार यहां बच्चों को रखा जा सकेगा, केंद्रीय महिला एवं बाल कल्याण की गाइडलाइन के अनुसार तैयार किए गए क्रेच में छह महीने से लेकर छह साल तक के बच्चों को रखा जा सकेगा। अस्पताल की ड्यूटी के समय अनुसार सुबह साढे आठ बजे से शाम के साढे़ चार बजे तक क्रेच में बच्चों को रखा जा सकेगा। बच्चों की जरूरत को देखते हुए क्रेच को आर्कषक सजावट, खिलौनों और रंगबिरंगी लाइट से सुसज्जित किया गया है।
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की सचिव पुन्य सलीला श्रीवास्तव इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। कोमल कदम क्रेच की शुरूआत करते हुए कहा कि इससे अस्पताल के कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थय का भी ध्यान रखा जा सकेगा, अकसर महिलाएं इस बात को लेकर अधिक चिंतित होती है कि यदि वह काम पर आई हैं तो उनके बच्चों की देखभाल घर पर सही तरीके से हो पा रही होगी या नहीं, क्रेच की सुविधा शुरू होने से से कर्मचारी मरीजों के स्वास्थ्य देखभाल का काम अधिक बेहतर तरीके से कर पाएगें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की अतिरिक्त सचिव रोली सिंह भी इस अवसर पर उपस्थित थीं, उन्होंने कहा कि सफदरजंग अस्पताल का यह प्रयास केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की गाइडलाइन का पालन करते हुए स्थापित किया गया है, जिसमें स्वास्थ्य कर्मचारियों के परिवारों की देखभाल भी शामिल है। कर्मचारियों की सुविधा का ध्यान रखते हुए सफदरजंग अस्पताल में शुरू की गई यह व्यवस्था मरीजों के लिए भी बेहतर साबित होगी। अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ़ वंदना तलवार ने बताया कि लंबे समय से स्टॉफ में इसकी कमी को महसूस किया जा रहा था, कर्मचारियों की ड्यूटी के रोस्टर चार्ट के अनुसार बच्चों को क्रेच में रखने की सुविधा होगी। जिससे उनकी प्रोडक्टिवटी बेहतर होगी, मानसिक तनाव कम होगा और स्टाफ मरीजों का अधिक बेहतर तरीके से इलाज कर पाएगें। वर्कलाइफ बैलेंस अच्छा होने से कर्मचारी काम अधिक तन्मयता से कर सकेगें। अस्पताल की प्रधानाचार्या डॉ़ गीतिका खन्ना ने बताया कि क्रेच केवल बच्चों के लिए समय पास करने का साधन नहीं होगा, बल्कि यहां रहने के दौरान व सामाजिक स्किल को भी बेहतर कर पाएगें। क्रेच में कई खेल व शैक्षणिक गतिविधियों को शामिल किया गया है, जिससे वह खेल खेल में कई चीजें सीख पाएगें, स्टाफ को भी यह भरोसा रहेगा कि उनके बच्चों का ध्यान सुरक्षित तरीके से रखा जा रहा है। क्रेच की सीएमओ डॉ वंदना चक्रवर्ती ने बताया कि एक समय में 15 बच्चों को क्रेच में रखा जा सकेगा। छह महीने से छह साल तक के बच्चों को क्रेच में पूरी तरह प्रशिक्षित स्टाफ की सुरक्षा के बीच रखा जाएगा। द ग्रेटर कैलाश लॉयन सर्विस के सहयोग से क्रेच की सुविधा को शुरू किया गया है, उनकी कम्यूनिटी सेवा के तहत क्रेच के लिए जरूरी उपकरणों व संसाधनों को लॉयन्स सर्विस द्वारा उपलब्ध कराया गया है। टेबल, कुर्सी, बेड, स्लाइड्स और कई तरह के एजूकेशनल खिलौनों को क्लब द्वारा दिया गया है।