सिक बिल्डिंग सिंड्रोम, बढ़ा रहा है प्रदूषण

नई दिल्ली: घरों को आधुनिक और सुविधाजनक बनाने वाली कुछ चीजें भी प्रदूषण को बढ़ाने में जिम्मेदार हैं। इसमें दीवार पर इस्तेमाल किए जाने वाले पेंट, डोरमेट, एसी से निकलने वाले गैस सहित 150 चीज और जगह को प्रदूषण की प्रमुख वजह पाया गया है। इस बावत पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट द्वारा किए गए अध्ययन के अनुसार शहरी रिहायश *सिक बिल्डिंग सिंड्रोम को* बढ़ावा दे रही है। जिसका असर शुरूआत में एएलआरआई (एक्यूट लोवर रेस्पेरेटरी इंफेक्शन) के रूप में सामने आता है।

पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट के रेस्पेरेटरी एंव श्वसन तंत्र रोग विभाग के प्रमुख डॉ. राजकुमार ने बताया कि कनाडा और न्यूयार्क जैसे शहरों में सिक बिल्डिंग सिंड्रोम के मामले को देखते हुए इस बावत पांच मेट्रो शहर की आवासीय कालोनी पर इसका असर जानने के लिए अध्ययन किया गया। घर की बाहरी इमारत को खूबसूरत दिखने के लिए इस्तोमल किए प्लास्टिक पेंट में एक तरह का कैमिकल यूरिया फारेमेडिहायड फोम इंसुलेशन (यूएफएफआई) से निकलने वाले फारेमेडिहायड गैस हवा के जरिए सांस तक पहुंचती है। ऑफ बिल्डिंग रिसर्च के तहत किए गए अध्ययन के अनुसार कनाडा में वर्ष 2012 में इसके लगातार संपर्क से एक साल में 50 हजार लोगों को एआईआर की शिकायत हुई।

डॉ. राजकुमार ने बताया कि दिल्ली, पुणे, बेंगलूरू, वडोदरा, हैदराबाद और चंडीगढ़ शहर की आवासीय कालोनी में भी इसका असर देखा गया। अध्ययन के अनुसार बिल्डिंग पेंट हवा ट्राईक्लोरायथीन घोलता है, जिससे सिर में दर्द, स्किन समस्या और सांस लेने में तकलीफ होती है। विशेषज्ञ इसे एसपीएम या पीएम की जगह चिकित्सक इसे टीएसपी (टोटल इंडोर सस्पेंडेड पार्टिकुलेट्स) कहते हैं। टीएसपी के अलावा बायोलॉजिकल तत्व भी इंडोर प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं, जिसमें घर को ठंडा रखने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण (एअर कूलिंग सिस्टम) एक लिजिनियोर बैक्टीरिया को निमोनिया की वजह बताया गया है।

घर में प्रदूषण की कुछ जगह
गैस चूल्हा- इससे नाइट्रोजनऑक्साइड गैस हवा में घुलती है, जिसे गले व छाती के संक्रमण के लिए अहम बताया गया है।
नई कारपेट या कालीन- कारपेट और कालीन एसपीएम को बढ़ाने के अलावा घर में बेंजेंन और क्लोरोफॉम की मौजूदगी के लिए भी कारक है।
प्लाईवुड या फर्नीचर- फर्नीचर को वार्निंश करने के इस्तेमाल किया गया पेंट हवा में फारमेडिहायड गैस छोड़ता है, जो एलर्जी बढ़ाने के अलावा याद्दश्त को भी कम करता है।
एग्जास्ट पंखे- घर से गरम हवा बाहर फेकने वाले एग्जास्ट फैन कार्बनमोनोआक्साइड बढ़ाते हैं, यह हवा में ऑक्सीजन का स्तर कम देता है।
घर साफ करने के लिक्विड- अधिक संख्या में कीटाणुओं को मारने के लिए इसमें हानिकारक कार्बन टेराक्लोरायड का इस्तेमाल किया जाता है, सांस के जरिए फेफड़े तक पहुंचने वाली यह गैस थकान, सिरदर्द और आंखों में चुभन पैदा करती है।

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