जानें क्या होता है एनीमिया

नई दिल्ली: जब बॉडी में खून की कमी हो जाती है तो इस बीमारी को एनीमिया कहा जाता है। इसमें खून में हीमोग्लोबीन की मात्रा कम हो जाती है। जिसका असर शरीर में खून के साथ ऑक्सीन के सप्लाई पर भी असर होने लगता है। साथ ही हीमोग्लोबीन का लेवल जितना कम होगा खून उतना ही पतला होता चला जाएगा। इस वजह से इसका असर पूरे शरीर पर दिखता है। डॉक्टरों का मानना है कि 55 से 60 पर्सेंट महिलाओं में एनीमिया होता है, खासकर गर्भावस्था के दौरान यह परेशनी ज्यादा होती है।

इसके लक्षण: थकान होना, सुस्ती, चिड़चिड़ापन, सांस फूलना, धड़कन तेज होना, सिर में तेज दर्द, याददास्त कम होना।

गर्भवती महिलाओं में खतरा: इन्फेक्शन का खतरा रहता है, इम्यून सिस्टम कमजोर होना, हार्ट फेल होने का खतरा, खून चढ़ाना पड़ सकता है

बच्चों पर असर: समय से पहले डिलिवरी होना, गर्भपात का खतरा, बच्चे में इन्फेक्शन का खतरा, बच्चे में भी एनीमिया हो सकता है।

एनीमिया के कारण: महिलाओं में ज्यादा होती है, इसकी बड़ी वजह पीरियड के दौरान बहुत अधिक ब्लड लॉस, वजन कम होना, पौष्टिक डाइट या खाना नहीं मिलना, विटामिन ए की कमी, किसी भी प्रकार के इन्फेक्शन होने से।

एनीमिया के टाइप:
न्यूट्रीशियन की कमी, यानि आयरन की कमी से होने वाली एनीमिया
मेंगोगोएट एनीमिया: इसमें विटामनि B12 की कमी, मलेरिया और पेट में कीड़े होने की वजह से होती है।
एमोलैटिक एनीमिया: इसमें खून बनने की प्रक्रिया सही नहीं होती है।
सिक्लस एनीमिया: इसमें जेनेटिक वजह से होता है, जो भारत में कम होता है।
ए प्लास्टिक एनीमिया: इस प्रकार के एनीमिया में ब्लड कैंसर का खतरा रहता है।
बचाव: बेहतर और न्यूट्रीशियन फूड से बचा जा सकता है। खाने में हरी पत्ती वाली सब्जी जिसमें पालक, सरसों, केला, खजूर, सेब, मटन, खमीर, चना, आदि शामिल करें। साथ में अगर बीमारी है तो डॉक्टर से दिखाकर एनीमिया की दवा दूध के साथ लें।

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