नई दिल्ली
सफदरजंग अस्पताल में स्ट्रोक के मरीजों को अब पहले से अधिक बेहतर मेडिकल सुविधा प्राप्त हो पाएगी। इसके लिए न्यूरोलॉजी विभाग के स्ट्रोक क्लिनिक में आठ नये बेड शामिल किए गए हैं। सभी नये बेड पर स्ट्रोक के मरीजों के लिए जरूरी आधुनिक उपकरणों को भी शामिल किया गया है। स्ट्रोक यूनिट में नये बेड बढ़ने से मस्तिष्क आघात या ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों को तुरंत इलाज दिया जा सकेगा। इसके साथ ही इलाज में देरी नहीं होगी।
जानकारी देते हुए अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ वंदना तलवार ने बताया कि नये बेड शामिल होने से बेहतर इलाज की अस्पताल की प्रतिबद्धता और भी मजबूत होगी, यूनिट में छह बेड पर हाई डिपेंडेंसी यूनिट और दो स्ट्रोक के लिए तैयार किए गए बेड हैं, यह दो बेड न्यूरोलॉजी आईसीयू में रखे गए हैं। मंगलवार को एक औपचारिक कार्यक्रम में नये बेड को शामिल करने की घोषणा की गई। न्यूरोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ़ बीके बजाज ने बताया कि यूनिट में नये बेड शामिल होने से अब हम स्ट्रोक के अधिक से अधिक मरीजों को बचा पाएगें। एक्यूट स्ट्रोक के मरीजों को तुरंत इलाज चाहिए होता है ऐसे में उन्हें बिना इंतजार किए इलाज उपलब्ध कराया जा सकेगा। नई यूनिट में मल्टी पैरामीटर मॉनिटर लगाए गए है इसके साथ ही प्रशिक्षित स्टाफ द्वारा वरिष्ठ न्यूरोलॉजिस्ट की निगदानी में इन उपकरणों को संचालित किया जाएगा। इन भी सुविधाओं की वजह से स्ट्रोक के मरीजों को इमरजेंसी में आने के तुरंत बाद इलाज देना संभव हो पाएगा। अस्पताल के न्यूरोलॉजी विभाग के सीएमओ और सहायक प्रोफेसर डॉ शिशिर चंदन ने कहा कि हम अभी तक स्ट्रोक के मरीजों का थर्मोडायलिसिस द्वारा इलाज कर रहे थे, लेकिन स्ट्रोक यूनिट से पहले से अधिक बेहतर इलाज दिया जा सकेगा। न्यूरोइंटरवेंशनलिस्ट डॉ़ चिराग ने पोस्ट प्रोशिजन देखभाल के बारे में जानकारी दी और कहा कि नई यूनिट के शुरू होने से से अभी संचालित की जा रही थर्मोबेक्टमी सुविधा को अधिक बेहतर किया जा सकेगा, जिससे मरीज जल्दी ठीक होगें।
देश के कुछ चुनिंदा सरकारी अस्पतालों में ही स्ट्रोक क्लीनिक की सुविधा उपलब्ध है। बेहतर इलाज की वजह से सफदरजंग का स्ट्रोक क्लीनिक सर्वोत्तम क्लीनिक में गिना जाएगा। जिसका अनुकरण अन्य अस्पताल भी कर सकेंगे।