नई दिल्ली,
मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड ने रोश डायग्नोस्टिक्स इंडिया के साथ मिलकर सर्विकल कैंसर की जांच के लिए सेल्फ सैंपलिंग एचपीवी डीएनए परीक्षण की औपचारिक शुरूआत की। इस परीक्षण के शुभारंभ का उद्देश्य भारत में सर्विकल कैंसर से जुड़ी सामाजिक और आर्थिक बाधाओं को दूर करके पूरे भारत में कैंसर जांच की पहुंच का विस्तार करना है। जिससे महिलाओं के लिए शुरुआती पहचान अधिक सुविधाजनक हो सके। जिसमें टियर 2, टियर 3 और टियर 4 शहर शामिल हैं।
प्रारंभिक स्तर पर जांच को सुलभ बनाकर देश में सर्विकल कैंसर के मामलों को रोका जा सकता है। भारत दुनिया के कुल गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के मामलों में 21 प्रतिशत का योगदान है। हर साल देश में लगभग 79,000 महिलाओं की मौत सर्विकल कैंसर की वजह से हो जाती है। केवल दो तिहाई मामलों में ही इस कैंसर की सही समय पर जांच हो पाती है। जिसकी प्रमुख वजह कैंसर की देर से पहचान होना है, यदि इसे प्रारंभिक चरण पर जांचा जाएं तो इससे होने वाली मौतों को रोका जा सकता है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा गर्भाशय ग्रीवा या सर्विकल कैंसर की रोकथाम के लिए एचपीवीडीएनए जांच पद्धति को प्रमुख रूप से मान्यता दी गई है। इस अत्याधुनिक परीक्षण से एक ही ट्यूब में 14 उच्च जोखिम वाले एचपीवी प्रकारों का पता लगाता है और यह चिकित्सकीय रूप से मान्य, एफडीए-अनुमोदित और डब्ल्यूएचओ-पूर्व-योग्य समाधान है। यह जांच विश्वसनीय और सटीक निदान सुनिश्चित करती है, जिससे इलाज की सही दिशा निर्धारित की जा सकती है। सेल्फ सैंपलिंग एचपीवी डीएनए परीक्षण में महिलाएं खुद ही आसानी से अपना स्वयं के सैंपल ले सकती हैं, कई बार एचपीवी जांच की प्रक्रिया से बचने के लिए महिलाएं जांच में रूचि नहीं लेती हैं। लेकिन सेल्फ सैंपलिंग में महिलाएं खुद ही अपना सैंपल एकत्र कर जोखिम के खतरे से बच सकती हैं। इससे जांच की असुविधा और सीमित पहुंच का दायरा कम होता है।
इस अवसर पर टिप्पणी करते हुए मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, श्री सुरेंद्रन चेमेनकोटिल ने कहा कि प्रारंभिक जांच और टीकाकरण के माध्यम से रोकथाम संभव होने के बावजूद, गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर भारतीय महिलाओं के लिए एक बड़ी स्वास्थ्य चुनौती बना हुआ है। रोश डायग्नोस्टिक्स इंडिया के सहयोग से एचपीवी डीएनए परीक्षण जैसे उन्नत स्क्रीनिंग टूल पेश करके साथ मिलकर हम ऐसे भविष्य की ओर काम कर रहे हैं, जहां सर्वाइकल कैंसर अब कोई खतरा नहीं रह जाएगा।
मालूम हो कि 2020 के एनएचएफएस (नेशनल फैमली हेल्थ) सर्वेक्षण के अनुसार, भारत में वर्तमान में केवल 1.9 प्रतिशत महिलाओं की ही सर्विकल जांच की जा रही है, यह स्पष्ट है कि पूरे भारत में सर्वाइकल कैंसर की जांच को सुलभ बनाने के लिए और अधिक काम करने की आवश्यकता है। एचपीवी डीएनए परीक्षण महिलाओं को एक जांच का एक बेहतर समाधान प्रदान करता है जो उन्हें सर्वाइकल कैंसर की जांच प्रक्रिया से गुजरने के बारे में संभावित शर्मिंदगी और असुविधा को दूर करने में मदद करता है। रोश डायग्नोस्टिक्स इंडिया और पड़ोसी बाजारों के प्रबंध निदेशक श्री ऋषभ गुप्ता ने कहा कि
मुझे विश्वास है कि मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर की विशाल और स्थापित प्रयोगशाला भारत को बड़े पैमाने पर सर्वाइकल कैंसर की जांच को अपनाने में मदद करेगी, खासकर कम सेवा वाले क्षेत्रों में।”मेट्रोपोलिस हेल्थकेयर लिमिटेड की मुख्य वैज्ञानिक और वरिष्ठ ऑन्कोपैथोलॉजिस्ट डॉ. कीर्ति चड्ढा ने कहा: “सर्वाइकल कैंसर की धीमी प्रगति शुरुआती पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, फिर भी जागरूकता की कमी और समय पर जांच नहीं होना महत्वपूर्ण बाधाएं बनी हुई हैं। सेल्फ स्क्रीनिंग HPVDNA परीक्षण की शुरूआत एक बड़ा कदम है, जो स्क्रीनिंग को अधिक सुलभ और रोगी-अनुकूल बनाएगी। हम मानते हैं कि प्रत्येक वैज्ञानिक समाधान, चाहे उसकी क्षमता कुछ भी हो, लाइव परीक्षण वातावरण में पेश किए जाने से पहले प्रदर्शन के लिए मान्य होना चाहिए। हमने उच्च मानकों के अनुसार सेल्फ स्क्रीनिंग की तुलना की है, जोकि डब्ल्यूएचओ की सिफारिशों के अनुरूप है, जिससे गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर की बेहतर रोकथाम की संभावना बढ़ गई है।