सफदरजंग अस्पताल में शुरू हुआ Milk Bank

A milk bank has been started in Safdarjung Hospital for newborn babies. Apart from the newborns born in the hospital, milk will also be available to the babies referred here.

नई दिल्ली

नवजात शिशुओं के लिए सफदरजंग अस्पताल में मिल्क बैंक (Milk Bank) की शुरूआत की गई है। अस्पताल में जन्म लेने वाले नवजात के अलावा यहां रेफर किए गए शिशुओं को भी दूध उपलब्ध होगा। इससे पहले दिल्ली में कलावती बाल सरन चिकित्सालय और चाचा नेहरू बाल चिकित्सलय में मिल्क बैंक पहले से ही संचालित किए जा रहे हैं। भारत में सबसे अधिक दक्षिण भारत में हैं, जबकि देशभर में ऐसे 100 मिल्क बैंक संचालित किए जा रहे हैं। निर्धारित नौ महीने से 37 हफ्ते से पहले जन्म लेने वाले नवजात शिशुओं को अकसर मां का पहला गाढ़ा दूध जिसे कोलस्टम कहते हैं नहीं मिल पाता, ऐसे बच्चों को मिल्क बैंक से काफी सहायता मिलेगी।

सफदरजंग अस्पताल के मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ संदीप बंसल ने बताया कि मिल्क बैंक नवजात शिशुओं के लिए सरकार के पहलों के तहत किया गया है, जिसमें प्रत्येक ऐसे अस्पताल जहां नियोनेटल केयर (Neonatal Care Unit) सुविधा है वहां मिल्क बैंक शुरू करना अनिवार्य कहा गया है। अस्पताल की मदर एनआईसीयू इंचार्ज डॉ सुगंधा आर्या ने बताया कि अस्पताल में 40 बेड पर मिल्क डोनेट करने की सुविधा होगी, अहम बात यह है कि अस्पताल के नवजात शिशु यूनिट के अलावा रेफर किए गए नवजात शिशुओं के लिए भी बैंक से मिल्क लिया जा सकेगा, डोनेट किए गए मिल्क का प्रयोग छह महीने तक किया जाना संभव होगा। अस्पताल के पीडियाट्रिक विभाग के प्रमुख डॉ रतन गुप्ता ने बताया कि नवजात शिशुओं के लिए मां का दूध अमृत के समान होता है, लेकिन कई बार शिशु को जन्म के समय निमोनिया होने, ज्वांडिस् होने, कम वजन का पैदा होने, समय पूर्व जन्म लेने या फिर सिजेरियन डिलीवरी होने पर मां का दूध देना संभव नहीं होता, ऐसे शिशुओं को मिल्क बैंक की सहायता से दूध उपलब्ध कराया जाएगा। जहां पहले से भर्ती माएं स्वेच्छा से अपना ब्रेस्ट मिल्क डोनेट कर सकेंगीं। दान किए गए मिल्क को तीन महीने तक प्रयोग में लाया जा सकेगा, जिससे उच्चतम तकनीकि का प्रयोग कर संरक्षित किया जाएगा। इस यूनिट का नाम लैक्टेशन मैनेजमेंट यूनिट रखा गया है, जहां डोनेद किए गए मिल्क और दिए गए मिल्क का लेखा जोखा रखा जाएगा। इस संदर्भ में एनआईसीयू में आने वाली महिलाओं को मिल्क बैंक में मिल्क डोनेट करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाएगा, जिसे जरूरत पड़ने पर नवजात शिशुओं को दूध उलपब्ध कराया जा सके।

  • मिल्क बैंक भारतीय अर्थव्यवस्था में 626 मिलियन डॉलर का योगदान कर सकता है
  • सफदरजंग अस्पताल में हर साल दो हजार नवजात शिशु रेफरल केस के आते हैं

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