नई दिल्ली
गुरूवार को दिपावली की रात पटाखे जलाते हुए बहुत से लोग जलने के भी शिकार हुए। बिंदापुर के एक घर में रखे हुए पटाखों मे विस्फोट हो गया, जिसमें परिवार के छह लोग बुरी तरह जल गए। वहीं एक व्यक्ति बुरी तरह जला हुआ हाथ लेकर आरएमएल अस्पताल की ओपीडी में पहुंचा, जिसे डॉक्टरों ने कुछ ही देर में ठीक कर दिया। अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक विभाग में जलने के कुल 44 मरीज पहुंचे, जिसमें 28 पुरूष और छह महिलाएं दिवाली मनाते हुए जलने के शिकार हुए।
दिपावली बनाने के लिए दौरान सावधानी बरतने की तमाम हिदायतों के बावजूद हर साल लोग जलने की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचते हैं। गुरूवार की रात देशभर में दिपावली की पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान आतिशबाजी व विस्फोटक सामान घर में रखने की वजह से लोग जलने के शिकार हुए। आरएमएल अस्पताल की इमरजेंसी में ऐसे 44 लोग पहुंचे। बिंदापुर के एक घर में रखे विस्फोटक से छह लोग बुरी तरह जल गए। बताया जा रहा है पटाखा तैयार करने के लिए परिवार के एक व्यक्ति ने विस्फोटक घर में रखा हुआ था। एक अन्य मामले में दाहिना हाथ बुरी तरह जला हुआ लेकर एक मरीज अस्पताल के बर्न एंड प्लास्टिक विभाग में पहुंचा, इमरजेंसी में मौजूद चिकित्सकों ने लोकल एनीस्थिसिया देकर कुछ ही देर में मरीज का हाथ पूरी तरह ठीक कर दिया। बर्न विभाग के प्रमुख डॉ समीक भट्टाचार्या ने बताया कि इमरजेंसी में पहुंचे मरीज का हाथ पटाखे की वजह से बुरी तरह जल चुका था, हमने सबसे पहले लोकल एनीस्थिसिया देकर नर्व ब्लॉक किए, जिससे मरीज की आसानी से ड्रेसिंग संभव हो सकी। इलाज के दौरान स्पेशल ड्रेसिंग मैटीरियल का इस्तेमाल कर मरीज के हाथ को पूरी तरह सही कर दिया गया। मालूम हो कि अस्पताल पहुंचे वाले कुल 44 जलने के मरीजों में नौ मरीजों को भर्ती किया गया। जिसमें 38 पुरूष तथा छह महिलाएं थी, भर्ती करने वालों में चार बच्चे, तीन व्यस्क और दो किशोर शामिल हैं।