मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज में मिलेगा बोन ग्राफ्ट, नहीं जाना पड़ेगा टाटा मैमोरियल

Dental college has been running a tissue bank for the last seven years, But now they are making clean room to acquire licence from Government . After getting a licence the hospital will eligible for giving Package of bone grafting material to other hospitals as well

नई दिल्ली

दांतों के इलाज की बात आती है अकसर तो लोग अकसर लापरवाही बरतते हैं, इसकी प्रमुख वजह है कि निजी अस्पतालों में दांतों का इलाज काफी महंगा होता है और कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट के तहत आने की वजह से कई इंश्योरेंस एजेंसी इसका बीमा भी कवर नहीं करतीं, लेकिन दिल्ली सरकार के मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज में विश्व स्तरीय डेंटल केयर बेहद कम दामों पर उपलब्ध है। डेंटल कॉलेज के टि्श्यू बैंक को जल्द ही कंपलीट बोन ड्राफ्टिंग का लाइसेंस भी मिल जाएगा, जिसके बाद दांतों की ऐसी किसी भी दुर्घटना जिसमें जबड़े की हड्डी टूट गई हो, या जबड़ा खराब हो गया हो आदि क्षति का भी इलाज मिल सकेगा। अस्पताल में पिछले सात साल से टिश्यू बैंक चलाया जा रहा है, लेकिन लाइसेंस नहीं होने के कारण यह जरूरत पड़ने पर अन्य अस्पतालों को बोन ग्राफ्ट नहीं दे पाते थे।

अस्पताल की भविष्य की योजनाओं पर बात करते हुए मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ अरूणदीप कौर लांबा ने बताया कि अस्पताल के डॉक्टरों की एक यूनिट में मलेशिया जाकर बोन ग्राफ्टिंग पर विशेष प्रशिक्षण हासिल किया है, जिसके बाद अब इसे मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज में शुरू किया जाएगा। दरअसल बोन ग्राफ्टिंग की सुविध अन्य अस्पतालों को देने या फिर बोन ग्राफ्ट खरीदने के लिए लाइसेंस का होना जरूरी है, इसके लिए क्लीन रूम तैयार किया जा रहा है। अभी केवल अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए टिश्यू बैंक से ग्राफ्टिंग उपलब्ध कराई जाती है। डॉ अरूणदीप कौर ने बताया कि किसी बड़ी दुर्घटना में जिसमें मरीज के जबड़े की हड्डी पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है, ऐसे में उन्हें हड्डी लगानी पड़ती है, अस्पताल में आने वाले मरीजों के लिए टिश्यू बैंक की मदद से बोन ग्राफ्ट किया जाता है, लेकिन बाहरी मरीजों को हम लाइसेंस मिलने के बाद ही बोन ग्राफ्ट दे पाएगें, जिसके लिए क्लीन रूम लगभग तैयार है। डॉ अरूणदीप ने बताया कि कुछ साल पहले तक दिल्ली एनसीआर के लोग डेंटल हाइजीन को लेकर सजग नहीं थे, मैने ऐसे भी मरीज देखे हैं जिन्होंने अपने जीवन काल में कभी ब्रश नहीं किया था, लेकिन अब वह ब्रश की क्वालिटी पर भी प्रश्न पूछते हैं। मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज की दो मोबाइल वैन आउटरीच ओपीडी की सुविधा के लिए रहती हैं, जिसमें दिल्ली एनसीआर व आसपास की जगहों पर जाकर डेंटल चेकअप किया जाता है। हम बच्चों को भी डेंटल हाइजीन के लिए जागरूक करते हैं, अस्पताल में दांतों के इलाज की सभी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध है। प्री डोंटिक्स सेवा के तहत अब कुछ दिन बाद हम कंपलीट बोन ग्राफ्टिग भी शुरू कर देगें, जिसके लिए लोगों को टाटा मैमोरियल अस्पताल नहीं जाना पड़ेगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *