नई दिल्ली
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ने दस दिन से जारी डॉक्टर्स की हड़ताल को खत्म कर काम पर वापस लौटने की अपील की है। एम्स के निदेशक द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि डॉक्टर्स के हड़ताल पर जाने की वजह से लंबे समय से मरीजों को दी जाने वाली चिकित्सीय सेवाएं बाधित हो रही है। मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आरडीए को तुरंत काम पर वापस लौट जाने की अपील की गई। डॉक्टर्स की सुरक्षा पर एम्स प्रशासन ने आश्वासन दिया कि ऐसी किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें डीन, एकेडमिक, डीन रिसर्च, मेडिकल सुप्रीटेंडेंट और मुख्य सुरक्षा अधिकारी को शामिल किया गया है।
एम्स द्वारा जारी पत्र में एम्स प्रशासन द्वारा डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए पूर्व में उठाए गए कदम का भी हवाला दिया गया है। इसी साल फरवरी महीने में एम्स प्रशासन द्वारा एआई आधारित सीसीटीवी कैमरे के पायलट प्रोजेक्ट का हवाला दिया, जिससे एम्स परिसर में बाहरी किसी व्यक्ति द्वारा की गई अभद्रता को तुरंत पहचाना जा सके। एम्स प्रशासन ने एम्स की अन्य आउटरीज ओपीडी, जैसे झज्जर, एनआईसी, नशा मुक्ति केंद्र गाजियाबाद, वल्लभगढ़ ओपीडी आदि संस्थानों में फैकल्टी सदस्यों के द्वारा मुआयने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 16 सदस्यीय कमेटी इन संस्थानों की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार होगी, जिससे डॉक्टर्स की सुरक्षा से जुड़ी किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई हो सके।
हेल्थ मिनिस्टर के नाम डॉक्टर्स की चिट्टी
चंडीगढ़ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नढ्ढा को चिट्ठी लिखकर देशभर में डॉक्टर्स की सुरक्षा मजबूतत करने की अपाल की है। संदेश में आरडीए ने कहा कि बेटिया सुरक्षित नहीं रही तो बेटियों को पढ़ाने का भी क्या फायदा। मेडिकल क्षेत्र दिन पर दिन असुरक्षित होता जा रहा है, जिसके लिए मजबूत सुरक्षा तंत्र और कानून बनाया जाना चाहिए। मालूम हो किे आडीए चंडीगढ़ देशव्यापी डॉक्टर्स की हड़ताल में शुरू से ही सहयोग कर रहा है।