नई दिल्ली
22 अगस्त को कोलकाता रेप केस में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की गई। हड़ताल की वजह से मरीजों को हो रही परेशानी को देखते हुए कोर्ट ने डॉक्टर्स से काम पर वापस लौटने की बात कही। एम्स आरडीए ने कोर्ट के आग्रह को स्वीकार करते हुए 11वें दिन हड्ताल वापस ले ली, और कहा कि मरीजों की देखभाल करना करना पहला दायित्व है। एम्स आरडीए ने कोलकाता रेप कांड में सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामले स्वत: संज्ञान में लेने की सराहना की और इस बात की भी सराहना कि कोर्ट ने डॉक्टर्स द्वारा किए गए विरोध पर किसी भी तरह की दंडात्मक कार्रवाई नही करने को कहा है। इससे पहले निर्माण भवन पर रविवार को प्रदर्शन करने वाले 21 डॉकर्ग्स पर एफआईआर दर्ज की गई थी। एम्स के हड़ताल वापस लेने के साथ ही अन्य अस्पतालों के यूनियन ने आईएमए के साथ मिलकर मंत्रणा करने की बात कही है। जिसके बाद उनके हड़ताल वापसी का औपचारिक निर्णय लिया जाएगा।
हालांकि एम्स आरडीए ने विरोध स्वरूप काम करने के घंटे खत्म होने के प्रदर्शन जारी रखने की भी बात कही है। एम्स आरडीए द्वारा जारी औपचारिक पत्र में कहा गया कि कोर्ट ने डॉक्टर्स की सुरक्षा का आश्वास दिन है, जिसको देखते हुए हड़ताल वापस लेने का निर्णय लिया गया। एम्स आरडीए प्रमुख डॉ़ इंद्रशेखर प्रसाद ने कहा कि हम कोर्ट की सराहना करते हें कि कोर्ट ने मामले को स्वत़ संज्ञान लिया और टॉस्क फोर्स कमेटी का गठन किया। आरडीए ने कहा कि आरडीए के सदस्य टॉस्क फोर्स कमेटी के सदस्यों के साथ संपर्क में रहेगी। मरीजों के हितों को देखते हुए एम्स के डॉक्टर्स काम पर लौट रहे हैं, मालूम हो कि 11 दिन से जारी आरडीए की हड़ताल के कारण मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। अन्य अस्पाल के डॉक्टरों की हड़ताल जारी रहने का निर्णय, आईएमए और फाइमा सदस्यों के साथ बैठक के बाद किया जाएगा।