नई दिल्ली
कोलकाता आरजी कर बलात्कार और हत्या मामले में एक मंच पर खड़े हुए आईएमए और फायमा में डॉ़ केतन देसाई को लेकर मतभेद शुरू हो गया है। आईएमए चुनाव के बाद सामने आए इस मामले ने यहां तक तूल पकड़ लिया है कि फायमा ने आईएमए के साथ किसी भी मंच को साझा करने से साफ मना कर दिया गया है। आईएमए चुनाव अधिकारियों को लिखे पत्र में फायमा ने आईएमए के चुनाव में भ्रष्टाचार और पूर्व में भ्रष्ट्राचार के आरोपी डॉ़ केतन देसाई के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। फायमा ने यह भी कहा कि आईएमए चुनाव में डॉक्टरर्स से दो लाख रुपए लेकर नामंकन कराया जाता है और बाद में सहमति से सदस्यों का चयन कर लिया जाता है। दरअसल आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे डॉ़ केतन देसाई पर पहले भी ऐसे आरोप लग चुके हैं, जिसकी सीबीआई जांच भी की जा चुकी है, फिलहाल डॉ़ देसाई पचास हजार से डॉक्टर सदस्यों वाले वल्र्ड मेडिकल एसोसिएशन के चयनित प्रेसिडेट हैं, और आईएसम के सदस्य चुनावों में डॉ़ देसाई का खासा दखल रहता है क्योंकि वह आईएमए के संरक्षक (पैटरॉन)भी हैं।
फायमा (फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन) ने हाल ही में हुए आईएमए (इंडियन मेडिकल एसोसिएशन) के चुनाव की प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए हैं। आईएमए चुनाव अधिकारियों को पत्र लिखकर फायमा ने देश के प्रतिष्ठित मेडिकल संगठन की सुचता और लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाए रखने की मांग की है। फायमा ने चुनाव अधिकारियों से आईएमए के हाल ही में हुए चुनावों को रद्द कराने और निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है। दरअसल फायमा ने जुड़े कुछ डॉक्टरों ने आईएमए के महत्वपूर्ण पदों के लिए नामांकन किया, आईएमए के अध्यक्ष पद और उपाध्यक्ष पद के लिए क्रमश दो लाख और 50 हजार की धनराशि जमा कराई जाती है, जिसे वापस नहीं किया जाता। प्राप्त जानकारी के अनुसार बिहार आईएमए के प्रेसिडेंट डॉ़ राजीव रंजन प्रसाद ने आईएमए के वाइस प्रेसिंडेंट के अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, जो कि पटना मेडिकल कॉलेज के पूर्व मेडिकल सुप्रिटेंडेंट और आर्यभट्ट नॉलेज विश्वविद्यालय के डीन भी रहे हैं। एक लाख रुपए शुल्क अदा करने के बाद भी डॉ़ राजीव रंजन को वोट देने तक का मौका नहीं दिया गया, बताया गया कि 15 सितंबर को बैलेट पेपर जारी किया जाएगा, और इस बीच चुनाव परिणाम (अनअपोज्ड) घोषित कर दिए गए। आईएमए द्वारा जारी सूची में डॉ़ अनिल नायक को आईएमए का प्रेसिटेंड नियुक्त कर दिया गया। बताया जा रहा है अनिल नायक भाजपा से सांसद मनोज नायक के भाई हैं। हालांकि डॉ़ केतन देसाई पर भ्रष्ट्राचार और विभिन्न आरोपों को लेकर आईएमए द्वारा दो बार श्वेत पत्र भी जारी किया जा चुका है, जिसमें आईएमए ने डॉ़ देसाई को क्लिन चिट भी दी है। वर्ष 2001 से 2003 तक डॉ़ केतन देसाई आईएमए के अध्यक्ष रहे हैं। पूरे मामले पर डॉ़ राजीव रंजन प्रसाद को आईएमए चुनाव अधिकारियों द्वारा भेजे पत्र में 31 अगस्त से पहले सहमति पत्र भेजने के लिए कहा गया।
कब कब लगें डॉ़ केतन देसाई पर आरोप
– – वर्ष 2009 में वल्र्ड मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष चुने जाने से पहले डॉ़ देसाई पर अहमदाबाद में उनके ज्ञान मेडिकल कॉलेज के लिए दो करोड् रुपए की रिश्वत लिए जाने का आरोप लगा।
– – एमसीआई के अध्यक्ष पद पर रहते हुए अप्रैल 2020 सीबीआई ने डॉ़ केतन देसाई को भ्रष्ट्राचार के विभिन्न आरोपों के चलते गिरफ्तार किया, रेड के दौरान उनके घर से डेढ़ किलो सोना, 80 किलो चांदी व 35 लाख नकद बरामद किया गया। हालांकि आईएमए ने श्वेत पत्र में कहा कि केवल 53,400 रुपए नकदी मिली।
– – वर्ष 2002 में भष्ट्राचार के आरोप के प्रमाणों को देखते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने डॉ़ देसाई को तुरंत वर्तमान पद से हटाने का आदेश जारी किया। जिसमें डॉ़ देसाई को पद का दुरूपयोग करते हुए पाया गया।
– – वर्ष 2009 में 111 देशों के संगठन वल्र्ड मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष पद के लिए डॉ़ देसाई को चुना गया, जिसका मेडिकल फेटरनिटी ने घोर विरोध किया।
– –लखनऊ हाईकोर्ट बेंच द्वारा में डॉ़ केसाई पर पोका (प्रीवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988) के तहत 2015 में चार्जशीट दाखिल की गई।
– – तमाम आरोपों के बावजूद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और गुजरात स्टेट मेडिकल एसोसिएशन में डॉ़ केतन देसाई का पंजीकरण रद्द नहीं किया गया है। वह आईएमए और जीएमए के सक्रिय सदस्य हैं।
क्या कहते हैं पदाधिकारी
आईएमए को देश की प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान माना जाता है। जिसकी लोकतांत्रिक व्यवस्था को डॉ़ देसाई जैसे डॉक्टर की वजह से धूमिल किया जा रहा है। हम चिकित्सकों की छवि और आईएमए की सूचिता को बचाए रखने के लिए डॉ़ देसाई पर उचित कार्रवाई की मांग करते हैं और आईएमए के वर्तमान चुनाव रद्द कर एक बार फिर निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग करते हैं।
डॉ़ रोहन कृष्णा, नेशनल चेयरमैन, फायमा डॉक्टर्स एसोसिएशन
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के चुनावों को लेकर यदि किसी को कोई शिकायत है तो इसका निस्तारण आईएमए के नियमों और उपनियमों के अनुसार किया जाएगा, कोई भी प्रतिभागी सदस्य शिकायत दर्ज करा सकता है, जिसके लिए विवाद निवारण तंत्र भी बनाया गया है।
डॉ़ आरवी अशोकनन, नेशनल प्रेसिडेंट, आईएमए