आरा मशीन से कटा हाथ, सर्जरी कर जोड़ा

Hand cut by woodcutter machine, joined after surgery, doctors of RML Hospital rejoined the young man's severed hand in a surgery that lasted for nine hours.

New Delhi

हरियाणा के बहादुरगढ़ में रहने वाले 24 वर्षीय युवक लकड़ी काटने वाली एक फैकट्री में काम करते हैं। कुछ समय पर आरा मशीन पर काम करते हुए दाहिना हाथ मशीन के नीचे आ गया है हथेली से हाथ पूरी तरह अलग हो गया। ऐसे समय में भी युवक से साहस से काम लिया और कटे हुए हाथ को उठाकर नजदीक के एक अस्पताल में पहुंच गए। स्थानीय अस्पताल ने सही समय पर युवक को राममनोहर अस्पताल भेज दिया। जहां प्लास्टिक सर्जरी विभाब के डॉक्टरों ने तुरंत युवक की सर्जरी की और उसके कटे हुए हाथ को पहले की तरह की जोड़ दिया गया।

युवक के कटे हाथ को जोड़ने के लिए तुरंत एक टीम का गठन किया गया, जिसमें प्लास्टिक सर्जरी विभाग के डॉ़ मुकेश शर्मा के नेतृत्व में एनीथिस्यिया, आर्थोपेडिक्स, नर्सिंग और पैरमेडिकल स्टाफ, ब्लड बैंक और लैबोरेटरी के विशेषज्ञों को भी शामिल किया गया। बिना किसी देरी के युवक को ऑपरेशन थियरेटर में ले जाया गया, जहां नौ घंटे तक चली सर्जरी में युवक के कटे हाथ को कलाई से जोड़ दिया गया। हाथ क्योंकि पूरी तरह अलग हो गया था, इसलिए छोटी नसों, हड्डियों और सुक्ष्म रक्तवाहिनी नसों को जोड़ना काफी चुनौतीपूर्ण था, बेहद सुक्ष्म सर्जरी को माइक्रोवॉस्कुलर तकनीक से अंजाम दिया गया।

प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ़ शामिक भट्टाचार्या ने कहा कि यदि शरीर से किसी भी वजह से अलग हुए अंग को छह घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचा दिया जाएं तो उसे फिर से जोड़ा जा सकता है और इस तरह की सर्जरी के सफल होने की संभावना भी अधिक होती है। उन्होने कहा कि कटे हुए अंग को पानी से अच्छी तरह धो लेना चाहिए, यदि संभव हो सलाइन से विसंक्रमित भी किया जा सकता है, इसके बाद इसे हल्के कपड़े से अच्छी तरह ढक दें और एक वाटरटाइट पाउच में रख दे, इसके बाद इस बैग या पाउच को आईस बॉक्स में रख दें, इस विधि से अलग हुए अंग को अच्छी तरह विसंक्रमित और संरक्षित किया जा सकता है। युवक की नौ घंटे तक चली सर्जरी की सफलता की मुख्य वजह यही है कि युवक के अंग को सही समय पर अस्पताल तक पहुंचा दिया गया। सर्जरी के बाद युवक को तीन दिन तक आईसीयू में रखा गया इसके बाद वह पूरी तरह स्वस्थ्य है।

सर्जरी की टीम में आर्थोपेडिक्स विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक डॉ सोनिका, डॉ धवल, डॉ विगनेश, मंजेश और डॉ शुभम शामिल थे। एनीस्थिसिया विभाग से प्रोफेसर डॉ नमिता अरोड़ा और डॉ सोनल का सहयोग रहा। अस्पताल के मेडिकल सुप्रीटेंडेंट डॉ अजय शुक्ला ने कहा आरएमएल अस्पताल में प्लास्टिक विभाग की सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद है, विशेषज्ञों की टीम आपात स्थिति में सेवा देने के लिए तत्पर रहती है। युवक का यह ऑपरेशन आरएमएल अस्पताल में निशुल्क किया गया।

Hand cut by woodcutter machine, joined after surgery, doctors of RML Hospital rejoined the young man's severed hand in a surgery that lasted for nine hours.

 

 

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