New Delhi
भारत से शोध के लिए जापान गए कुशीनगर के एक छात्र ने इलाज के लिए भारत वापस आने या फिर जापान में ही इलाज के लिए सहायता की अपील की है। छात्र के परिजनों ने बेहतर इलाज के लिए छात्र को वापस लाने और विदेश मंत्रालय को इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुजारिश की है। जापान के नगोया विश्वविद्यालय में बायोएग्रीकल्चर साइंस में शोध के लिए केशव तिवारी फरवरी महीने में ही जापान गए थे। चार अगस्त को अचानक पेट तेज दर्द होने पर अस्पताल ले जाया गया. जहाँ उसे डायरिया बताया गया। तब से ही केशव जैपनीज रेडक्रास आइची मेडिकल सेंटर, नगोया अस्पताल के आईसीयू में भर्ती हैं। परिजन अपने बच्चे को बेहतर इलाज के लिए भारत लाना चाहते हैं।
छात्र की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में एक्यूट सेप्सिस या अमाश्य का संक्रमण बताया गया है। मूल रूप से कुशीनगर थाना रामकोला निवासी 26 वर्षीय केशव तिवारी शोध कार्य में आगे की पढ़ाई करने के लिए बीते साल जापान गए थे। केवल तिवारी से नगोया विश्वविद्यालय में बायेएग्रीकल्चर की पढ़ाई के लिए प्रवेश लिया, लेकिन चार अगस्त को अचानक पेट में तेज दर्द और डायरिया होने के बाद आमाशय में गंभीर संक्रमण के चलते केशव को अस्पताल में भर्ती किया गया। जिसके बाद से लगातार केशव की हालत गंभीर होती जा रही है। केशव के पिता मृत्युंजय तिवारी ने इस बावत कुशीनगर के सांसद को भी पत्र लिखा है। छात्र को अधिक बेहतर इलाज और पारवारिक सहयोग के लिए वह केशव को भारत वापस लाना चाहते हैं। परिजनों ने मदद के लिए विदेश मंत्रालय से संपर्क किया है, नियमित इलाज की तकनीकि जानकारियां और भाषाई दिक्कत होने के कारण परिजन जापान में छात्र के इलाज से संतुष्ट नहीं हैं। मेडिकल जांच रिपोर्ट में छात्र के अनुसार केशव की स्थिति गंभीर बताई गई है, हीमोग्लोबिन का स्तर काफी कम हो गया है। नगोया सिटी अस्पताल जापान द्वारा परिजनों की दी गई जानकारी के अनुसार प्लेटलेट्स का स्तर भी काफी कम बताया गया है।