LNJH हॉस्पिटल में जमात ने फिर की डॉक्टर से अभद्रता

नई दिल्ली: लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में कोरोना मरीजों का इलाज कर रही महिला डॉक्टर से अस्पताल में भर्ती तबलीगी जमात के मरीजो द्वारा एक बार फिर अभद्रता का मामला सामने आया है। महिला डॉक्टर एलएनजेपी अस्पताल के पांच ए ब्लाक में सुबह ड्यूटी पर कार्यरत थी। वार्ड में भर्ती एक जमाती मरीज ने पहले डॉक्टर को गाली दी, इसके बाद महिला डॉक्टर के सहयोगी द्वारा विरोध करने पर मरीज ने वार्ड में ही भीड़ इकट्टी कर ली। भीड़ द्वारा महिला डॉक्टर को जब धमकाया जाने लगा तो वह ड्यूटी रूप में छिप गईं। महिला डॉक्टर द्वारा इस घटना की शिकायत करने के लिए जब फ्लोर इंचार्ज को फोन किया गया तो वह उपलब्ध नहीं हुए। पूरे वाक्ये पर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिशन ने विरोध जताया है। मामले पर एम्स के आरडीए ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर डॉक्टर्स के लिए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की बात कही है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार एलएनजेपी अस्पताल के पांच ब्लॉक में मंगलवार सुबह पांच बजे भर्ती तबलीगी जमात मरीजों ने ड्यूटी पर मौजूद महिला डॉक्टर से अभद्रता की। एक मरीज ने महिला डॉक्टर पर अश्लील फब्तियां कसीं और विरोध करने पर अन्य मरीजों की भीड़ एकत्रित कर ली। डरी हुई चिकित्सकों ने ड्यूटी रूम में जाकर अपनी जान बचाईख् जहां बाद में भीड़ ने जबरदस्ती कमरे का दरवाजा भी खोलने की कोशिश की। एलएनजेपी में हुए इस हादसे के बाद चिकित्सक संघ ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। आरडीए द्वारा लिखे एक पत्र में पूरी घटना में हुई कुछ लापरवाही को उजागर किया है। आरडीए एलएनजेपी द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार सहायता के लिए घटना के बाद सुबह साढ़े पांच पर फ्लोर इंचार्ज को फोन किया गया, लेकिन फ्लोर इंचार्ज डॉ. विवेक सचान और आदम मोहम्मद में से किसी का भी फोने नहीं उठा, ऑन ड्यूटी सीएमओ द्वारा भी फोन नहीं उठाया गया। यह भी देखा गया कि ड्यूटी पर मौजूद सुरक्षा गार्डो ने भी महिला डॉक्टरों की सहायता करने को मनाह कर दिया। सिक्योरिटी अलार्म बजने के बाद भी सर्जिकल ब्लॉक पर तैनात इमरजेंसी पुलिस सहायता के लिए नहीं पहुंची। क्योंकि मार्शल और गाडर्स को कोरोना सुरक्षा के लिए पीपीई नहीं दिए गए थे, इसलिए वह मौके पर नहीं पहुंचे। आरडीए ने पूरे प्रकरण में घोर लापरवाही का आरोप लगाया है। आरडीए की मांग है कि कोरोना वार्ड की सुरक्षा बढ़ाई जानी चाहिए, मामले पर तुरंत कार्रवाई की जाएं, ड्यूटी पर मौजूद सिक्योरिटी ऑफिसर को निलंबित करने के साथ ही फ्लोर इंचार्ज पर आपतस्थिति में जवाब न देने पर भी कार्रवाई होनी चाहिए। एम्स आरडीए ने पूरे मामले में गृह मंत्रालय को बीच में लाते हुए अतिशीघ्र डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए सेंट्रल प्रोटेक्श एक्ट लागू करने की मांग की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *