नई दिल्ली
कैंसर पर दिए गए इस बयान के बाद सिद्धू के विरोध में एलोपैथी डॉक्टरों की एक बड़ी जमात खड़ी हो गई। कुछ ने सिद्धू को पत्र लिखकर इस तरह के इलाज के तरीकों से भ्रम फैलाने का आरोप लगाया, तो टाटा मैमोरियल कैंसर इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों ने इस बयान को निराधार बताया। हालांकि सोमवार को एक बार फिर सिद्धू से सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया, जिसमें बयान पर यू टर्न लेते हुए नजर आए हैं, उन्होंने डायट प्लान भी पोस्ट किया और कहा कि चिकित्सकों के सुझाव, कीमोथेरपी और विशेषज्ञों की सलाह से उनकी पत्नी की रिपोर्ट अब कैंसर सेल्स मुक्त हो गई है।
जाने माने ऑनकोलॉजिस्ट डॉ अभिषेक शंकर ने नवजोत सिंह सिद्धू को लिखे पत्र में कहा कि एक पब्लिक फीगर होने के नाते उनकी पत्नी के कैंसर के इलाज का वीडिया काफी वायरल हो रहा है यह दुखद है कि पूर्व सांसद ने इलाज से जुड़े अन्य पहलूओं को सार्वजनिक नहीं किया, जिसमें उनकी पत्नी की सर्जरी और कीमोथेरेपी की गई। सिद्धू को लिखे पत्र में डॉ अभिषेक शंकर ने यह भी कहा कि इससे कैंसर के इलाज के संबंध में लोगों के बीच भ्रांति फैलेगी, हल्दी और नीम ने कैंसर के ठीक होने के साथ ही उन्होंने अपनी कांफ्रेंस में इस बात का खुलासा नहीं किया कि उनकी वाइफ का पिछले कुछ दिनों से कीमोथेरेपी भी दिया जा रहा था। डॉ शंकर ने कहा कि मेटाटास्टिक चौथे चरण के कैंसर के हल्दी और नीम से ठीक होने के पुख्ता प्रमाण नहीं हैं। डॉ शंकर ने कहा कि सिद्धू सक्षम हैं वह किसी भी तरह के इलाज की विधि को वहन कर सकते हैं, लेकिन गरीब लोगों के लिए इलाज के विकल्प कम होते हैं, इसलिए उन्हें सही जानकारी को साझा करना चाहिए था। इसी बीच सोमवार को नवजोत सिंह सिद्धू ने दो नये ट्वीट किए, जिसमें पहले ट्वीट में उन्होंने सर्जरी और कीमोथेरेपी की बात स्वीकार करते हुए डायट प्लान का जिक्र किया, जबकि दूसरे ट्वीट में एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि उन्होंने डॉक्टरों की देखरेख में इलाज को पूरा किया, जिसमें चिकित्सकों की सलाह पर डायट को पूरी तरह बदल दिया गया, और इसके परिणाम भी बेहतर मिली। सिद्दू की वाइफ का इलाज करने वाले चिकित्सक ने भी डायट की बात स्वीकार की और कहा कि एक कहावत है ए मैन इज, वाट ही ईट, यानि मनुष्य वही बनता है जो वह खाता है इसलिए कैंसर के इलाज में डायट को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सिद्दू ने जल्द ही डायट प्लान को सार्वजनिक रूप से हर प्लेटफार्म पर साझा करने की भी बात कहीं, जिससे अधिक से अधिक से लोग इसका फायदा उठा सकें।