जन्म के सात माह बाद दूध पी सकेगी नित्या

Nityaa will be able to drink milk after seven months of birth. Nityaa, who is suffering from a rare disease, will now be able to drink milk properly after exactly seven months. She was having difficulty in drinking milk right from her birth

लखनऊ

दुलर्भ बीमारी से पीडि़त नित्या अब ठीक सात माह बाद ठीक से दूध पी सकेगी। जन्म के साथ ही उसे दूध पीने में दिक्कत हो रही थी। परिजनों ने कई जगह दिखाया लेकिन बीमारी पकड़ में नहीं आयी। केजीएमयू में करीब तीन माह इलाज के बाद डॉक्टर समझ सके कि आखिर समस्या क्या है। तमाम जांचों के बाद डॉक्टरों को पता चला कि बच्ची सांस और खाने की नली आपस में जुड़ी है। आनन-फानन में सर्जरी की फैसला किया गया और जटिल सर्जरी के बाद अब बच्ची स्वस्थ है, ठीक से दूध पी पा रही है।

मासूम को इस जन्मजात विकार से निजात देने वाले केजीएमयू पीडियाट्रिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डा. जेडी रावत है।  डा. रावत ने बताया कि हरदोई निवासी बिजनेश  जो की पत्नी दिव्या ने 7 माह पहले एक बेटी को जन्म दिया। परिवार में खुशी का माहौल था। पर जन्म के बाद जब भी बच्चे को दूध पिलाया जाता था तो उसकी सांस उखडऩे लगती थी और उसका रंग नीला पड़ जाता था। इस कारण से नवजात शिशु को कई बार अस्पताल में भर्ती करना पड़ता था। उम्र के साथ बच्ची की बढ़ रही समस्या से चितिंत परिजनों को किसी ने केजीएमयू में दिखाने की सलाह दी। करीब तीन माह पहले बच्ची तेज बुखार और सांस लेने की समस्या के साथ पीडियाट्रिक मेडिसीन विभाग में आयी थी। जहां डॉक्टरों ने निमोनिया की आशंका के चलते दवा के जरिए बच्ची को ठीक करने का प्रयास किया। कोई फायदा नहीं हो रहा था, दूध पिलाने पर बच्ची को उल्टी हो जाती थी और उसके शरीर का रंग भी नीला पड़ता जा रहा था। बीते माह उनके विभाग में रेफर किया गया। जहां दूरबीन के जरिए जांच की गयी तो पता चला कि बच्ची को टाइप ट्रेकिओसोफेगल फिस्टुला दुर्लभ बीमारी थी। इन जन्मजात बीमारी में सांस और खाने की नली आपस में जुड़ी होती हैं। यह बीमारी 100000 जन्मे बच्चों में  से एक बच्चे में होने की सम्भावना होती है। डा. रावत का कहना है कि सर्जरी की इसका एकमात्र उपचार था लेकिन यह आपरेशन अपने आप में काफी जटिल था। बच्ची को बचाने के लिए उन्होंने सर्जरी करने का निर्णय लिया। डा. रावत ने बताया कि आपेरशन हुत जटिल था, मरीज की छाती खोल कर खाने की नली व सांस नली को अलग किया गया।

ऑपरेशन के बाद तीन दिनों तक बच्ची वेंटलेटर पर रही। डा. रावत ने बताया कि अब बच्ची पूरी तरह से स्वस्थ है। आराम से दूध पी पा रही है। उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।

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