नई दिल्ली: एम्स के डॉक्टर खुले तौर पर नैशनल मेडिकल कमीशन बिल के खिलाफ में सामने आए गए हैं। डॉक्टरों ने बिल के खिलाफ में सिग्नेचर अभियान शुरू कर दिया है। ओपीडी से लेकर एम्स में एडमिट मरीजों से इस पर सिग्नेचर ले रहे हैं। डॉक्टरों का आरोप है जिस प्रकार यह बिल अब तक पेश किया गया है उससे यह साफ हो रहा है आने वाले समय में मेडिकल में बड़ी धांधली हो सकती है। गरीबों के लिए मेडिकल की पढ़ाई और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एडमिशन नहीं मिल पाएगा। एम्स के रेजिडेंट्स डॉक्टरों की तरफ से देश के स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा के नाम पत्र लिख कर न केवल बिल पर उसवाल उठाया गया है बल्कि उनके कार्यकाल की निंदा भी की गई है।
एम्स के रेजिडेंट्स डॉक्टर विजय कुमार ने कहा कि यह बिल स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है। इसे रोकना जरूरी है। इसलिए हम डॉक्टरों के साथ साथ मरीजों को भी इस बारे में जागरूक कर रहे हैं। इस बिल पर एक फरवरी तक लोगों से कमेंट्स मांगे गए हैं। उनका कहना है कि हम मरीजों का सिग्नेचर लेने से पहले उन्हें इसकी वजह बता रहे हैं। हम ओपीडी में आने वाले मरीजों से बात तो कर ही रहे हैं, साथ में जो मरीज ओपीडी में एडमिट हैं, उनका भी सिग्नेचर ले रहे हैं। साथ ही ऑन लाइन भी इस मूवमेंट को बढ़ा रहे हैं। मरीजों का कहना है कि जैसे सरकार ने सरकारी स्कूलों को बंद कर उसके स्थान पर प्राइवेट को बढ़ावा दे रहे हैं, ठीक वैसे ही सरकारी अस्पतालों को बंद करके प्राइवेट को बढ़ाने के लिए ये सब कर रहे हैं। गरीबों के पास पैसे है नहीं और यहां लाखों में एमबीबीएस की सीट बिक रही है। एक मरीज ने कहा कि यह तो प्राइवेट को सीट बेचने जैसा ही है।