
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने दिनांक 09 सितंबर 2025 को बच्चों के हृदय रोग से संबंधित एक आदेश के अंतर्गत पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी DM प्रोग्राम का लेटर ऑफ परमिशन की संस्तुति अटल बिहारी वाजपई इंस्टीट्यूट एवं डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बाल हृदय रोग डिवीजन में DM कोर्स शुरू किया जाएगा। इस कोर्स का एफीलिएशन गुरु गोविंद सिंह इंद्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी से हुआ है और साल 2025 26 से छात्र इसमें एडमिशन ले सकेंगे, भारत सरकार ने इस दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है जिससे बाल हृदय रोग की बढ़ती समस्या एवं जटिलताओं को संबोधित किया जा सकेगा। इस कोर्स के शुरू होने से उत्तर भारत में राम मनोहर लोहिया अस्पताल नवजात शिशु और बच्चों के हृदय रोग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा सकेगा,
सरकार के इस आदेश से हर साल दो पोस्टग्रेजुएट परास्नातक मेडिकल छात्र बाल हृदय रोग में सुपर स्पेशलिटी DM कोर्स के अंतर्गत शिक्षा पा सकेंगे.
इस स्पेशलिटी की शिक्षा की सुविधा कुछ चुने हुए सरकारी संस्थानों में है जैसे अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली, पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज चंडीगढ़ एवं श्रीचित्रा इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसे त्रिवेंद्रम इत्यादि में है में है
इस कदम से इन छात्रों को विदेश की तरफ रुख नहीं करना पड़ेगा और देश में हर साल बाल हृदय रोगों के चिकित्सकों की संख्या बढ़ेगी जिसका फायदा हमारे देश के उन परिवारों को होगा जहां बच्चों को कंजेटियल और एक्वायर्ड हार्ट डिफेक्ट्स हैं।
देश की आबादी को देखते हुए बाल हृदय रोग चिकित्सक एवं सर्जन की देश में काफी कमी है।
बाल हृदय रोग विभाग के स्थापना 2011 में सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा 200 वैकेंसी सैंक्शन करना और उसके लिए पर्याप्त आर्थिक संसाधन का आदेश 2013 में जारी किया था
प्रोफेसर एवं विभाग अध्यक्ष डॉ दिनेश यादव ने बताया कि बच्चों की इकोकार्डियोग्राफी की फैसिलिटी यहां 2010 से मौजूद है और बच्चों के Cath लेब का उद्घाटन 2019 में हो गया था
उसके उपरांत बाल हृदय रोग विभाग में बच्चों का कार्डियक आईसीयू वार्ड इत्यादि का डेवलपमेंट हुआ
आज डॉक्टर राम मनोहर लोहिया अस्पताल में बाल एवं शिशु हृदय रोग का संपूर्ण इलाज की व्यवस्था है जिसका कि कॉर्पोरेट अस्पतालों में खर्चा लाखों रुपए में जाता है और सरकार के अस्पताल में गरीबों का इलाज लगभग मुफ्त में किया जाता है