स्मार्ट फोन न कर दे आपको बीमार

Distracted Girls Texting
Eight teenage girls distracted with their phones at carnival

नई दिल्ली: स्मार्ट फोन के जरिए मोबाइल में समाई दुनिया मानसिक परेशानियां भी दे रही है। बेवजह मोबाइल की घंटी बजने का एहसास होने होना, या बार-बार फोन खोने का डर आदि ऐसी व्यवहार संबंधी आदतें जो सेल फोन एंजाइटी की वजह हैं। मोबाइल की यदि इसी दुनिया में आप भी शामिल है तो अचानक बदली पांच आदतों को पहचान कर इससे बचा जा सकता है।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने मोबाइल एंजाइटी के शिकार 500 लोगों पर अध्ययन किया। विभिन्न कार्यक्षेत्र के लोगों के व्यवहार पर किए गए अध्ययर के आंकड़े बताते हैं कि इसके अधिक इस्तेमाल से 60 फीसदी लोग मोबाइल नोमोफोबिया के शिकार हैं। 20 से 30 साल के 43 प्रतिशत लोगों को लगता कि उनका फोन बज रहा है, और बार-बार वह फोन चेक करते हैं। मोबाइल एंजाइटी भी दूसरी किस्म की समस्या हैं, स्मार्ट फोन के जरिए सोशल नेटवर्क से जुड़ने वाले 26 फीसदी लोग ऑफिस की महत्वपूर्ण बैठक में भी फेसबुक और ट्वीटर का इस्तेमाल करते हैं। जबकि 28 फीसदी परिवार में स्मार्ट फोन घरेलू कलह की वजह भी माना गया। 67 प्रतिशत युवा स्मार्ट फोन का इस्तेमाल सोने से पहले भी करते हैं, जिससे उनकी सामान्य नींद बाधित होती है।

माइक्रोबायोजिस्ट डॉ. नरेन्द्र सैनी ने बताया कि मैसेज टाइप करना या फिर लगातार बात करते रहने से 34 प्रतिशत युवाओं में कारपल टनल सिंड्रोम की भी शिकायत देखी गई हैं। आर्थोपेडिक सर्जन डॉ. संजय गुप्ता कहते हैं कि फोन के लिए 20 से 45 मिनट तक लगातार दाहिनी हाथ के प्रयोग से सैगी फेस या चेहरे की एक तरफ की मांसपेशियों की खिंचाव व कोहिनी से कलाई को जोड़ने वाली टेनिस एल्बो में खिंचाव होता है। स्मार्ट फोन के बढ़ते प्रयोग और इससे सेहत पर पड़ने वाले असर को देखते हुए आईएमए से पांच आदतों पर नजर रखने और एहतियात बरतने की सलाह दी है।

रखें इन आदतों पर नजर
-हर पांच मिनट में यदि मोबाइल स्क्रीन को जांचते हैं
-फोन की घंटी न बजने पर भी लगता है फोन आने का एहसास
-फोन खो गया है इस बात के डर से बार-बार जांचते हैं जेब
-सोने से पहले भी फोन को नहीं छोड़ पाते हैं
-छुट्टी वाले दिन भी सोशल नेटवर्किंग साइट पर बिताते हैं अधिक समय

इन बातों का रखें ध्यान
-हफ्ते में एक बार मोबाइल को हैंड सेनेटाइजर से साफ करें
-एक हाथ की जगह फोन इस्तेमाल करने के लिए दिशा बदलते रहें
-सोने से आधे घंटे पहले फोन को अपने आप से दूर कर दें
-मोबाइल एंजाइटी से बचने के लिए एक सप्ताह तक सोशल नेटवर्किंग साइट से दूर रहें
-दिनभर में एक बार ही मोबाइल रिसार्च करें और उतना ही प्रयोग करें

 

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