नयी दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने स्वच्छता के महत्व का हवाला देते हुये कहा है कि स्वच्छता ही देशवासियों के स्वास्थ्य और समृद्धि का आधार है। नायडू ने आज विश्व होम्योपैथी दिवस के अवसर पर आयुष मंत्रालय द्वारा आयोजित दो दिवसीय वैज्ञानिक सम्मेलन को संबोधित करते हुये कहा कि स्वच्छ भारत से ही स्वस्थ भारत और समृद्ध भारत का मार्ग प्रशस्त होता है।
उन्होंने स्वस्थ भारत के लिये विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों में होम्योपेथी के महत्व को जनसामान्य तक पहुंचाने की जरूरत पर बल देते हुये मंत्रालय से होम्योपेथी को चिकित्सा सुविधाओं के अभाव वाले दूरदराज के इलाकों में इसे सर्वसुलभ बनाने के लिये कहा। नायडू ने कहा,‘‘यदि आप स्वस्थ हैं तो आप धनी बन सकते हैं। हालांकि यदि आप धनी हैं तो इसकी गारंटी नहीं कि आप स्वस्थ बन जाएंगे..स्वास्थ्य असली दौलत है। उल्लेखनीय है कि होम्योपैथी के संस्थापक क्रिश्चियन एफ सैमुअल हैनीमन की जयंती मनाने के लिए 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस के तौर पर मनाया जाता है।
उन्होंने होम्योपेथी को 18वीं सदी की महानतम खोज बताते हुये कहा कि यह चिकित्सा पद्धति सस्ती और इस्तेमाल में आसान होने के साथ दुष्प्रभाव रहित होना इसकी प्रमुख खासियत है। नायडू ने कहा कि तमाम बीमारियों के प्रभावी इलाज में होम्योपेथी की कारगरता को देखते हुये इस पद्धति को व्यापक तौर पर प्रभावी बनाने के लिये इसमें वैज्ञानिक शोध को बढ़ाने की जरूरत है। उपराष्ट्रपति ने इसके महत्व के मद्देनजर होम्योपेथी को लोकप्रिय बनाने के लिये सरकार के स्तर पर व्यापक प्रयास करने को जरूरी बताया। इस मौके पर आयुष मंत्रालय में राज्यमंत्री श्रीपद यसो नायक भी मौजूद थे। नायडू ने होम्योपैथ चिकित्सकों को अपने पेशे में उच्च स्तर की नैतिकता एवं मूल्य अपनाने का आह्वान करते हुये कहा ‘‘मैं चाहूंगा कि एक ऐसा दिन आये जब होम्योपैथी प्रत्येक घर में पहुंचे।’’
सोर्स; भाषा