अस्पताल से ही मिलेगा डेंटल बोन ग्राफ्ट, बाहर से नहीं खरीदना पड़ेगा

The Central Tissue Bank, located in the Department of Periodontology on the 6th floor, is another landmark addition. With this facility, patients requiring tissue or bone grafts will now be able to access them directly at the institute—where previously, such materials had to be purchased from the market
The Central Tissue Bank, located in the Department of Periodontology on the 6th floor, is another landmark addition.
  • दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने मौलाना आजाद डेंटल और और दिल्ली डेंटल कॉलेज में सेंट्रल टिश्यू बैंक का उद्घाटन किया

नई दिल्ली,

दांतों में किसी भी प्रकार की कैविटी, मसूढ़ों में गंभीर चोट या फिर ऐसी कोई भी समस्या जिसमें मरीजों को डेंटल बोन ग्राफ्टिंग की जरूरत होती है, ऐसे इलाज के लिए मरीजों को अब बाजार से डेंटल बोन ग्राफ्ट नहीं खरीदना पड़ेगा, मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज में इस संदर्भ स्टेट ऑफ आर्ट सुविधा की शुरूआत की गई है। मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज स्थित दिल्ली डेंटल काउंसिल और सेंट्रल टिश्यू बैंक में इस सुविधा की औपचारिक शुरूआत दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज कुमार सिंह द्वारा की गई।

मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज के छठवें तल पर स्थित प्रीडोंटोलॉजी विभाग में नवनिर्मित डेंटल काउंसिल के ऑफिस के साथ ही द सेंट्रल टिश्यू बैंक की शुरूआत की गई है, जिसमें मरीजों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए एक साथ कई सुविधाएं जुटाई गई हैं। द सेंट्रल टिश्यू बैंक पूरी तरह कैशलेस होगा, दिल्ली डेंटल काउंसिल देशभर की पहली ऐसी काउंसिल है, जिसे इस सुविधा को शुरू करने की अनुमति दी गई। डेंटल के इलाज की सभी प्रक्रियाओं को एक निर्धारित समय में पूरा करने के लिए फ्रेमवर्क भी तैयार किया गया है, जिससे इलाज की गुणवत्ता में सुधार होगा। टिश्यू या बोन ग्राफ्ट का प्रयोग उस अवस्था में किया जाता है, जबकि मरीज की हड्डी सड़क हादसे या अन्य किसी वजह से बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो जाती है, और सामान्य प्लास्टर से टिश्यू के दोबारा आने की गुंजाइश बहुत कम होती है, ऐसे अवस्था में बोन का ग्राफ्ट या टिश्यू प्रभावित जगह पर प्रत्यारोपित किया जाता है जिससे टूटी हड्डी सामान्य रूप से फिर से बढ़ने लगती है। यही तरीका दांतों की क्षति को ठीक करने के लिए अपनाया जाता है, जिसमें रूट कैनल या फिर मसूढ़ों को फिक्स करने के लिए डेंटल बोन ग्राफ्ट इस्तेमाल होता है, जिससे दांतों दोबारा जड़ से मजबूती के साथ जुड़ते हैं।

यहां तकनीकि पहलू यह है कि टिश्यू चाहे डेंटल हो या फिर बोन ग्राफ्ट इसे ऑटोलागस ही प्रयोग किया जाता है, मतलब जिस मरीज की हड्डी को जोड़ना है, उस मरीज के शरीर की किसी अन्य जगह की हड्डी को फ्रेक्चर की जगह प्रत्यारोपित किया जाता है और दांतों के इलाज में भी क्षतिग्रस्त दांत को मरीज के ही दांतों के ऑटोलागस पाउडर को प्रयोग कर मसूढ़ों को दुरूस्त किया जाता है। इसलिए इसे रीजेनेरेटिव ट्रीटमेंट भी कहा जाता है।

The Central Tissue Bank, located in the Department of Periodontology on the 6th floor, is another landmark addition. With this facility, patients requiring tissue or bone grafts will now be able to access them directly at the institute—where previously, such materials had to be purchased from the market
The Central Tissue Bank, located in the Department of Periodontology on the 6th floor, is another landmark addition. With this facility, patients requiring tissue or bone grafts will now be able to access them directly at the institute—where previously, such materials had to be purchased from the market

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