The meeting remained inconclusive, doctors’ strike will continue
New Delhi
फाइमा (फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन) के प्रतिनिधि मंडल ने रविवार को स्वास्थय मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, बैठक में फाइमा सदस्यों ने डॉक्टरों की विभिन्न मांगों पर चर्चा की, जिसमें मुख्य रूप से सीपीए सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने के लिए समिति का गठन करने और इस संदर्भ में आर्डिनेंस जारी करने की मांग की, साथ ही सीपीए के संदर्भ में किसी भी तरह की बातचीत के लिए सीधे गृह मंत्रालय को हस्तक्षेप करने का आग्रह किया, फाइमा ने डॉक्टर्स के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने के लिए तुरंत एनडीएमसी हेल्थ प्रोफेसेनल्स लागू करने की भी मांग की। फाइमा का कहना है कि कोविड के समय में सभी अस्पतालों में एनडीएमसी हेल्थ प्रोफेसनल्स एकट लागू था, सीपीए लागू होने तक इस बिल को डॉक्टर्स की सुरक्षा के लिए लागू किया जाए।
फाइमा के प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय चेयरमैन फाइमा, डॉ. रोहन कृष्णनन, राष्ट्रीय अध्यक्ष फाइमा
डॉ. मनीष प्रभाकर और उपाध्यक्ष सुवरांकर दत्ता शामिल थे। हालांकि स्वास्थय अधिकारियों के साथ फाइमा की बैठक बेनतीजा रहीं और चल रही कार्रवाइयों को निलंबित करने की संभावनाओं पर चर्चा की गई। हालांकि प्रतिनिधिमंडल ने यह स्पष्ट किया कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने तक हड़ताल जारी रहेगी, इस लिहाज सोमवार को भी मरीजों को ओपीडी में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। बैठक के बाद फाइमा के 25 राज्यों के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के 70 प्रतिनिधियों ने एक साथ अखिल भारतीय बैठक आयोजित की, इस बैठक मे सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि मांगे पूरी होने तक विरोध प्रदर्शन वापस नहीं लिया जाएगा। समस्या का समाधान नहीं होने तक हड़ताल जारी रहेगी।
हालांकि प्रतिनिधिमंडल का एक दल सोमवार को फिर बैठक कर सकता है। जिससे सीधे रूप से मांगों को स्वास्थ्य मंत्रालय के समक्ष रखा जा सके। इससे पहले आरडीए के आहृवान पर रविवार को भी विरोा प्रदर्शन जारी रहा।