नई दिल्ली,
शारदीय नवरात्रि इस बार तीन अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं। नौ दिन तक मां की आराधना कर नवरात्र रखने वालों में ऐसे लोगों की जमात अधिक है, जो व्रत के साथ ही डाइटिंग पर निशाना साधते हैं। लेकिन नौ दिन बाद इसका असर ठीक उल्टा होता है, वजन कम होने की जगह बढ़ा हुआ अधिक होता है। नवरात्रि तन और मन दोनों को स्वस्थ्य रखने का त्यौहार है। नौ दिन में मां की आराधना के साथ यदि सही आहार और व्यवहार का पालन किया जाएं तो इस दौरान सामान्य दिनों की अपेक्षा कहीं अधिक बेहतर ढंग से शरीर को डिटॉक्स किया जा सकता है।
एम्स की डाइटिशियन डॉ. अंजली भोला कहती हैं कि व्रतधारी दो प्रतिशत लोग भी डाइट चार्ट नहीं बनवाते, जिसका असर यह होता है कि पतले होने की बजाएं व्रत के बाद उनके वजन में एक दो किलो की अधिकता देखी जाती है। दरअसल आलू, अरबी, समां के चावल व कुट्टू के आटे सहित साबूदाना में सामान्य भोजन के जिनती ही कैलोरी होती है, इन चीजों को यदि घी या तेल में खाया जाएं तो निश्चित रूप से डाइट प्लान चौपट हो सकता है। लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल की आहार विशेषज्ञ डॉ. किरन दीवान कहती हैं कि इस संदर्भ में व्रत की रेडिमेड व जंबो थाली का बड़ा योगदान है। व्यस्त फलाहारी इसके बेहतर विकल्प मानते हैं, जबकि रेडिमेड थाली शरीर में 200 से 350 अतिरिक्त कैलोरी दे सकती है। डायटिशियन डॉ. सविता सूटा कहती हैं कि फाइबर के साथ वसा प्रयोग तेजी से शरीर में अवशोषित होता है, अरबी या आलू में स्टार्च सबसे अधिक होता है। जो ग्लूकोज स्तर का बढ़ा कर कैलोरी की मात्रा अधिक कर देता है। एक तथ्य यह भी है कि व्रतधारी आम दिनचर्या के अनुसार इस दौरान 40 प्रतिशत शारीरिक श्रम कम कर देते हैं, कुल मिलाकर वजन बढ़ने की शत प्रतिशत संभावना।
क्यों व्रत है डिटॉक्सिफिकेशन के लिए बिल्कुल सहीं
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशिययन की आहार विशेषज्ञ डॉ. नाजनीन कहती हैं कि व्रत में आनाज, साधारण नमक, एल्कोहल या ऐसी कई ग्लूटिन युक्त चीजों का सेवन बंद कर देते हैं, ऐसे में यदि एक संतुलित डायट चार्ट को फॉलो किया जाएं तो शरीर को डिटॉक्स किया जा सकता है, इसके लिए नियमित चाय की जगह ग्रीन टी को सुबह नाश्ते में रोस्टेड ड्राई फ्रूट्स के साथ ट्राई करें। पानी का खूब सेवन करें, रेडिमेड संरक्षित जूस की जगह लस्सी बेहतर विकल्प हो सकती है, क्योंकि दही में मौजूद गुड बैक्टीरिया डिटाक्सिफिकेशन का काम करते हैं। प्राकृतिक शुगर युक्त अधिक फलो का प्रयोग कम करें, इसकी जगह मौसमी फल जैसे सिंघाड़ा, शरीफा और अनार लिया जा सकता है। इसके साथ ही पर्याप्त नींद लें, तनाव से दूर रहें और मॉडिरेट वॉक जरूर करें।
किसमें कितनी कैलोरी
कुट्टू का आटा – 350 प्रति 50 ग्राम
आलू – प्रति ग्राम एक कैलोरी
अरबी – प्रति एक ग्राम दो कैलोरी
समां के चावल – 200 प्रति 50 ग्राम
साबूदाना – 250 प्रति 50 ग्राम
नोट- इसमें अरबी, आलू व साबूदाना में सबसे अधिक स्टार्ज है जो ग्लूकोज को बढ़ाता है।
क्या है सही फलाहार डाइट
-50 ग्राम कुट्टू के आटे में दो ग्राम घी या तेल में हल्का तले
-हल्के तेल में तले 50 ग्राम आलू को डबल टोंड दही के साथ लें
-दोपहर में फलाहार या फिर फ्रूट चाट, एक समय भोजन सही
-मीठे का अधिक प्रयोग कर रहे हैं तो सिंघाड़े के आटे का विकल्प सही
एप के जरिए जानें किनती कैलोरी
माई फिटनेस पॉल एप के जरिए व्रत में भी कैलोरी पर नजर रखी जा सकती है। किसी भी एंड्रायड फोन पर एप को डाउनलोड कर कैलोरी का पता लगाया जा सकता है। इसके लिए दिन भर एक बार इस बात की जानकारी देनी होती है कि दिन भर क्या खाया गया, एप कैलोरी को काउंट कर कुल कैलोरी की जानकारी दे सकता है। विशेषज्ञों की मानें तो आलू, चिप्स, देशी घी और रेडिमेड व्रत थाली में अधिक कैलोरी होती है।