नसों की बीमारियों का बिना चीरा किए इलाज संभव

“हेड टू टो इंटरवेंशन”: आईएसवीआईआर यूपी चैप्टर की पहली सीएमई  आयोजित

लखनऊ

इंडियन सोसाइटी ऑफ वास्कुलर एंड इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी (आईएसवीआईआर) उत्तर प्रदेश चैप्टर द्वारा अपनी पहली निरंतर चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) का आयोजन किया गया। “हेड टू टो इंटरवेंशन” विषयक इस आयोजन में आधुनिक तकनीकों से नसों की बीमारियों के बिना ऑपरेशन इलाज पर विस्तार से चर्चा हुई।

इसमें न्यूरोसर्जन, कार्डियक एवं वास्कुलर सर्जन, स्नायुविज्ञानी, चेस्ट फिजीशियन और नेफ्रोलॉजिस्ट समेत अनेक विशेषज्ञ शामिल हुए। कार्यक्रम में न्यूरोइंटरवेंशन, पेरिफेरल वास्कुलर, और एऑर्टिक इंटरवेंशन जैसी तकनीकों पर चर्चा की गई।

न्यूरोइंटरवेंशन तकनीक से मस्तिष्क में थक्का हटाने के लिए कैथेटर द्वारा बिना चीरा लगाए इलाज संभव है। पेरिफेरल वास्कुलर इंटरवेंशन के अंतर्गत एंजियोप्लास्टी व स्टेंटिंग द्वारा हाथ-पैरों की ब्लॉक नसें खोली जाती हैं। वहीं एऑर्टिक इंटरवेंशन में ईवीएआर तकनीक से महाधमनी की बीमारियों का इलाज किया जाता है।

डॉ. विवेक सिंह (एसजीपीजीआई लखनऊ), डॉ. सौरभ कुमार राय (आरएमसीएच), डॉ. नम्रता सिंह (एसआरएमएस) व डॉ. (मेजर) नितिन दीक्षित (केजीएमयू) ने कार्यक्रम की सफलता पर प्रसन्नता जताई और इसे ज्ञानवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया।

 

इस संगोष्ठी ने सिद्ध किया कि इंटरवेंशनल रेडियोलॉजी के माध्यम से नसों की गंभीर बीमारियों का इलाज अब और अधिक सुरक्षित, प्रभावी तथा बिना ऑपरेशन संभव हो गया है।

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