संकल्प शक्ति से महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं- श्रीमति शांता अक्का

Women can do anything with the power of determination- Smt. Shanta Akka, founder and chief director of Rashtriya Sevika Samiti, Laxmi Bai Kelkar Mausi ji's death anniversary was celebrated as Sankalp Diwas
Women can do anything with the power of determination- Smt. Shanta Akka, founder and chief director of Rashtriya Sevika Samiti, Laxmi Bai Kelkar Mausi ji’s birth anniversary was celebrated as Sankalp Diwas
  • राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापिका एवं आद्ध संचालिका लक्ष्मी बाई केलकर मौसी जी के अवतरण दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया
  • राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका शांता अक्का सहित दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए

नई दिल्ली

राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापिका एवं संचालिका वंदनीय लक्ष्मीबाई केलकर का राष्ट्र प्रेम किसी से छिपा नहीं है, विपरीत परिस्थितयों के बावजूद मौसी जी ने महिलाओं में सामाजिक चेतना को जागृत करने का कार्य जीवन पर्यन्त किया। बहुत कम उम्र में विवाह होने और कम शिक्षा के बावजूद उनके मानस पटल पर आजीवन हमेशा राष्ट्र के विकास में योगदान देने के विचार उमड़ते रहे, जिस किसी ने भी उन्हें नजदीक से राष्ट्र सेवा में काम करते हुए देखा वह उनके साथ जुड़ते गए। राष्ट्र सेविका समिति की संस्थापिका एवं आद्ध संचालिका लक्ष्मी बाई केलकर मौसी जी के अवतरण दिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया, इस अवसर पर मेघाविनी सिंधु सृजन दिल्ली प्रांत एवं शरण्या द्वारा प्रकाशित पुस्तक का भी विमोचन किया गया।

राष्ट्र सेविका समिति की देश में नींव रखने वाली ऐसी वंदनीय लक्ष्मीबाई केलकर जी के अवरतण दिवस को राष्ट्र सेविका समिति द्वारा संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। रामजस कॉलेज में इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में वंदनीय प्रमुख संचालिका राष्ट्र सेविका समिति माननीय शांता अक्का जी ने अपने संबोधन ने कहा कि जिस समय मौसी जी लक्ष्मीबाई केलकर जी का जन्म हुआ, उस समय वंदेमातरम का उद्घोष किया गया। बचपन से ही वह विचारशील थी और उनकी सामाजिक विशेष रूप से महिलाओं के विषयों पर विशेष रूचि थी, यही वजह थी कि वह उस लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक द्वारा संपादित किए जाने वाले अखबार केसरी की नियमित पाठक थी, पढने से उनके विचारों को धार मिली और इस तरह की इच्छा शक्ति बनी जो बाद में संकल्प शक्ति बन गई, मौसी जी कहती थी, महिलाओं को हमेशा घर के कामों से जोड़कर ही क्यों देखा जाता है, जबकी सजृन की सूत्रधार महिलाएं यदि संकल्प कर लें तो कुछ भी कर सकती हैं। 14 साल की कम उम्र में विवाह और फिर कम उम्र में ही विधवा होने के बावजूद उन्होंने अपने सामाजिक दायित्वों को बखूबी निभाया, महिलाओं को एकजूट किया, एक समय जहां महिलाओं के समूह में हाउजी खेला जाता था, मौसी जी के प्रयास से रामायण पर छोटे घटना क्रम के कार्ड बनाए गए, उन्हें एकसाथ किया गया, जिससे महिलाओं में अपने धर्म के प्रति रूचि बढ़े। सनातन धर्म के प्रति मौसी जी विवेकानंद जी के विचारों से काफी प्रभावित हुई, विवेकानंद जी कहते हैं महिला और पुरूष पक्षी के दो पंखों के जैसे हैं, जब ये दोनों शक्ति एक साथ होगी तभी पक्षी आकाश की उंचाइयों को छूएगा। समाज की कुरीतियों को दूर करने के लिए उन्होंने महिलाओं को एकजुट किया। आवाज उठाई और उनके सघन प्रयास से राष्ट्र सेविका समिति का गठन किया गया, जिसकी शाखाएं आज देशभर में संचालित की जा रही हैं।

दिल्ली की मुख्यमंत्री श्रीमति रेखा गुप्ता ने इस अवसर पर कहा कि मौसी जी ने हमें सिखाया की विपरीत परिस्थितियों को रहकर भी समाज को जोड़ा जा सकता है। महिलाओं की निर्णय लेने की क्षमता इतनी बेहतर होती है कि वह किसी भी समस्या का तुरंत समाधान खोज लेती हैं, रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली का सीएम होने के नाते मेरा भी यह दायित्व है कि मै दिल्ली की महिलाओं के लिए हर वो निर्णय लूं जो उनके जीवन को सीधे रूप से बेहतर बनाने में सहायक हो।

कार्यक्रम में अन्य वरिष्ठजनों में दिल्ली विश्वविद्यालय एनडीटीएफ के अध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार भागी, सूर्या रोशनी की निदेशक श्रीमति पूजा सूर्या उपस्थित थे। कार्यक्रम के आयोजन में राष्ट्र सेविका समिति की श्रीमति निशा राणा, चारू कालरा, सुनीता भाटिया, अंजू आहूजा सहित कई राष्ट्र सेविकाएु उपस्थित थीं।

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