युवा डॉक्टर प्रैक्टिस के साथ ही एकेडमिक भी चुने- डॉ वीके पॉल

Young doctors should choose academics along with practice – Dr. VK Paul

नई दिल्ली

अटल विहारी बाजपेयी मेडिकल इंस्टीट्यूट ऑफ साइंसेस और राम मनोहर लोहिया अस्पताल के 10वें दीक्षांत समारोह में नीति आयोग के सदस्य डॉ विनोद कुमार पॉल ने युवा चिकित्सकों से मेडिकल शिक्षा हासिल करने के बाद एकेडमिक को भी चुनने की अपील की। डॉ पाल ने कहा कि हमारे देश में प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों की कमी नहीं है, लेकिन हमारे मेडिकल कॉलेज में अच्छे टीचर की कमी है इसकी मुख्य वजह यह है कि हर साल मेडिकल कॉलेज से डिग्री लेकर निकलने वाले युवा डॉक्टर एकेडमिक या शिक्षण कार्य की जगह प्रैक्टिस को चुनते हैं। डॉ़ पाल ने कहा कि शिक्षण कार्या में अध्यापको की भारी कमी है, जबकि हमारे पास अस्पताल और मेडिकल कॉलेज पर्याप्त मात्रा में है।

मेडिकल संस्थान के दसवें दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित डॉ़ वीके पॉल ने डिग्री लेने वाले युवाओं को बधाई देते हुए कहा कि निश्चित रूप से देश की मेडिकल सेवाओं को आपकी जरूरत है, लेकिन इसके साथ मेडिकल शैक्षणिक कार्य को भी विकल्प के रूप में अवश्य रखना चाहिए। हमारे बेहतर से बेहतर मेडिकल कॉलेज में अध्यापक या फैकल्टी की भारी कमी है, जिसकी वजह है नये चिकित्सकों का अध्यापन कार्य में रूचि न होना। डॉ़ पॉल ने युवा चिकित्सकों से अपने माता पिता  देखभाल और सम्मान देने की भी बात कही। उन्होने कहा कि आज आप जो कुछ भी है उसके लिए आपके माता पिता ने काफी त्याग किया होगा, आप मुझे से आज इस बात का वायदा करें कि जीवन में कभी भी अपने माता पिता को नहीं भूलेंगे, उन्हे उस समय आपकी सबसे अधिक जरूरत होती है जब आप बहुत व्यस्त होते हैं तो जीवन में इस तरह का सामंजस्य बनाएं कि माता पिता के सम्मान को सर्वोपरि रखें। दीक्षांत समारोह के अवसर पर राष्ट्रपति दौपद्धी मुर्मु ने अपने संबोधन में मेडिकल की डिग्री हासिल करने वाले छात्रों के बेहतर भविष्य की कामना की। इस असवर पर आरएमएल अस्पताल के निदेशक डॉ़ अजय शुक्ला, डीन आरती मारिया व केंद्रीय स्वास्थय एवं परिवार कल्याण सचिव अपूर्वा चंद्रा भी उपस्थित थीं।

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