नई दिल्ली,
फोरडा (फेडेरशन ऑफ रेजिडेंट्स डॉक्टर्स एसोसिएशन) 22 मई यानि शुक्रवार को काला रिबल बांध कर काम करेगें। फोरडा का यह विरोध सरकार के उस आदेश के खिलाफ है, जिसमें यह कहा गया है कि कोविड ड्यूटी पूरी करने वाले डॉक्टर्स को 14 दिन का होम क्वारंटाइन केवल उस ही सूरत में दिया जाएगा जबकि उनमें किसी तरह के संक्रमण के लक्षण दिखाई देगें। एसोसिएशन ने कहा है कि हेल्थ केयर वर्कर के स्वास्थ्य को सरकार खतरे में डाल रही है, कई बार कोरोना वायरस के इंक्यूबेशन का समय दस से पन्द्रह दिन का होता है। ऐसे में यदि उन्हे होम क्वारंटाइन की सुविधा नहीं दी गई तो अन्य लोगों में संक्रमण का खतरा बढ़ा सकता है।
चौथे चरण का लॉकडाउन शुरू होने के साथ ही सरकार ने नियमों में ढील के साथ ही कोविड इलाज के लिए भी नई गाइडलाइन जारी की है। 18 मई को इसी संदर्भ में दिल्ली सरकार द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि कोविड ड्यूटी करने वाले डॉक्टर्स अब होम क्वारंटाइन की सुविधा नहीं दी जाएगी, कोरोना ड्यूटी के बाद उन्हें डॉक्टर्स के क्वारंटाइन में भेजा जाएगा जबकि उनमें एसिम्पमैटिक लक्षण दिखाई देगें। डॉक्टर्स के संगठन फोरडा ने इसका विरोध किया है। फोरडा के प्रतिनिधियों से इसी क्रम में शुक्रवार को काली पट्टी बांध कर काम करने का फैसला लिया है, जिसमें अधिक से अधिक आरडीए को शामिल होने की बात कही गई है।