नई दिल्ली
दिल्ली के छह बड़े स्वायत्तशासी अस्पतालों का संचालन अब सीधे स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन की निगरानी में होगा। इसके लिए सीएम के पास एक प्रस्ताव भेजा गया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रस्ताव पर मुहर लगना लगभग तय है। इन छह अस्पतालों में लिवर इंस्टीट्यूट एंड बायलरी साइंस, चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय, जनकपुरी सुपरस्पेशलिटी, दिल्ली कैंसर स्टेट इंस्टीट्यूट, मौलाना आजाद डेंटल कॉलेज और राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल शामिल हैं। मुख्य सचिव की जगह दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन अस्पतालों की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन होगे, इसके बाद अस्पताल के संचालन संबंधी सभी अहम फैसले पर कैबिनेट की सहमति के बाद ही लिए जाएगें। हालांकि इसके लिए सीएम ने हामी भर दी है। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री इंस्टीट्यूट ऑफ हृयुमर बिहेव्यिर एंड एलायड साइंस के अलावा चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेदिक इंस्टीट्यूट की गवर्निंग काउंसिल के चेयरमैन हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सत्येन्द्र जैन द्वारा सीएम को लिखे पत्र में अस्पतालों के प्रशासन, वित्त और नेतृत्व संबंधी बदलाव की जानकारी मांगी है, हालांकि अभी अन्य अधिकारियों को इस बदलाव की जानकारी नहीं दी जा रही है। बताया जा रहा है कि स्वायत्तशासी अस्पतालों में होने वाली खर्च के संदर्भ में अधिक पारदर्शिता बरतने के लिए सरकार का दखल बढ़ाया जा रहा है। स्वास्थ्य मंत्री के हस्तक्षेप के बाद वित्त संबंधी सभी फैसले कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही लिए जाएगें।