नई दिल्ली: एनसीआर में कैंसर के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। एम्स के कैंसर रजिस्ट्री सेंटर ने पहली बार दिल्ली एनसीआर की जनसंख्या आधारित कैंसर पंजीकरण रिपोर्ट जारी की है। जिसमें अकेले वर्ष 2010 में दिल्ली एनसीआर में कैंसर के 17176 नये मरीजों को देखा गया। पहली बार एम्स ने दिल्ली एनसीआर के मरीजों की संख्या जानने के लिए दिल्ली के 167 सरकारी अस्पताल और 250 निजी क्लीनिक और लैबारेटरी से मरीजों की संख्या इकठ्ठी की है। कैंसर के संबंध में वर्ष 2008-09 में जारी वार्षिक रिपोर्ट में भी दिल्ली का स्थान पहले नंबर पर था।
जारी रिपोर्ट के अनुसार नये पंजीकृत मरीजों में 52.4 प्रतिशत पुरुष (8994)और 47.6 प्रतिशत महिलाएं में कैंसर देखा गया। दिल्ली कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम के रिपोर्ट के बारे में डॉ. पीके जुल्का ने बताया कि महिलाओं में पांच तरह के प्रमुख कैंसर में स्तन कैंसर, जबकि पुरुषों में फेफड़े के कैंसर के मरीज सबसे अधिक देखे गए। रिपोर्ट में पहली बार दिल्ली में कैंसर मरीजों का प्रतिशत देखने के लिए दिल्ली एनसीआर के मरीजों की ही गिनती की गई।
भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय, एम्स और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की मदद से वर्ष शुरू किए गए पीबीसीआर(जनसंख्या आधारित कैंसर पंजीकरण) कार्यक्रम के तहत कैंसर मरीजों की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें 3.9 प्रतिशत (662) हिस्सेदारी बच्चों के कैंसर थी। बच्चों में सबसे अधिक लिम्फोमा ल्यूकिमिया कैंसर देखा गया। डॉ. जुल्का ने बताया कि जनसंख्या के आधार जारी की गई कैंसर रिपोर्ट के आधार पर सरकार कैंसर बचाव के कार्यक्रम शुरू कर रही है। रिपोर्ट में कैंसर के उन नये मरीजों को शामिल किया गया जो दिल्ली में ही एक साल से अधिक समय से रह रहे हैं।