नई दिल्ली,
सरकार ने मंगलवार को जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि राज्यों के पास वैक्सीन की कमी नहीं है। मंगलवार सुबह 11 बजे तक सभी राज्य और केन्द्र शासित राज्यों को 13 करोड़ से अधिक वैक्सीन की डोज उपलब्ध कराई जा चुकी है। जिसमें से वैक्सीन खराब होने के आंकड़ों को जोड़ दिया जाए तो 11 करोड़ से अधिक तक की डोज प्रयोग की जा चुकी हैं। सभी राज्यों के पास अभी स्टॉक में एक करोड़ वैक्सीन हैं, जिसका प्रयोग नहीं किया जा सका है। अगले एक महीने तक जरूरत के अनुसार दो करोड़ एक लाख 22 हजार वैक्सीन का ऑडर राज्यों द्वारा दिया जा चुका है। केरल में वैक्सीन वेस्टेज सबसे कम जीरो प्रतिशत हुआ, जबकि अन्य राज्य वैक्सीन प्रबंधन पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। कुल वैक्सीन आपूर्ति में आठ से नौ प्रतिशत की वैक्सीन हर राज्य बर्बाद या वेस्ट कर रहे हैं। पहली बार सरकार ने वैक्सीन की उपलब्धता को लेकर सरकारी आंकड़े जारी किए हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जहां एक महीने पहले संक्रमित मरीजों की संख्या एक दिन में 89 हो गई थी वहीं आज रोजाना दस हजार से अधिक मामले देखे जा रहे हैं। यहां रोज 44 प्रतिशत आटीपीसीआर टेस्ट किए जा रहे हैं। महाराष्ट्र में संख्या सबसे अधिक तेजी से बढ़ रही है यहां औसतन 57 हजार पॉजिटिव केस रोजाना देखे जा रहे हैं। देश में कुल कोविड के 89.51 प्रतिशत की दर से कोरोना के मरीज ठीक हो रहे हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि अन्य देशों में विश्व स्वास्थ्य संगठन या ऐसी ही प्रमाणित संस्थाओं द्वारा स्वीकृत की गई वैक्सीन को जल्द ही भारत में भी प्रयोग किया जा सकेगा, इसके लिए डीजीसीआई की मंजूरी दी जा चुकी है। नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने बताया कि हमें एक बार फिर सख्ती से कोरोना अनुरूपी व्यवहार का पालन करना होगा, इसके बाद परिणाम हमारे सामने होंगे, उन्होंने कहा कि देश में संक्रमण की आपात स्थिति को देखते हुए रूस की स्पूतनिक वी वैक्सीन को भारत में इमरजेंसी प्रयोग की अनुमति दे दी गई है। इसके लिए एक नहीं बल्कि छह कंपनियों के साथ साक्षेदारी की गई है। जिससे हर राज्य में आसानी से वैक्सीन उपलब्ध हो सकेगी। देशभर में चलाए जा रहे कोरोना टीकाकरण अभियान में मंगलवार को दस करोड़ 85 लाख से अधिक का आंकड़ा पार कर लिया गया।