नई दिल्ली: भ्रष्टाचार के मामलों के खुलासे के लिए रेमन मैग्सायसाय अवॉर्ड से नवाजे जा चुके आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने दावा किया है कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) ने एम्स में हुए भ्रष्टाचार के कई ऐसे मामले बंद कर दिए जिनमें कई वरिष्ठ अधिकारी कथित तौर पर शामिल थे। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के.वी.चौधरी के खिलाफ जांच की मांग कर रहे संजीव ने अपने दावे के समर्थन में करीब 1,000 पन्नों के दस्तावेज हाल ही में राष्ट्रपति कार्यालय को भेजे हैं। उन्होंने राष्ट्रपति सचिवालय से सात मामलों का ब्यौरा भी साझा किया है। ये सभी सात मामले उस समय का है जब संजीव एम्स में बतौर सीवीओ तैनात थे। एम्स में फैले भ्रष्टाचार पर संजीव ने काफी लगाम लगाया। उन्होंने अपने कार्यकाल जुलाई 2012 से अगस्त 2014 के बीच दर्जनों मामलों का खुलासा किया, जिसमें से कुछ मामले का संज्ञान सीबीआई ने भी लिया। अपनी जांच के बाद सीबीआई ने सीवीसी की ओर से बंद किए जा चुके चार मामलों में विभागीय एक्शन की सिफारिश की और उनमें अधिकारियों और सीनियर फैक्ल्टी को नामजद किया। संजीव द्वारा सूचना का अधिकार (आरटीआई) के जरिए हासिल किए गए दस्तावेजों से यह खुलासा हुआ है।