नई दिल्ली
दुनियाभर में सर्जरी द्वारा कराए जा रहे प्रसव से स्तनपान अभियान को नुकसान पहुंचा है। इस बावत यूनिसेफ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार 51 ऐसे देशों में जहां बच्चे का जन्म सर्जरी से किया गया, उन्हें जन्म के तुरंत बाद मां का दूध नहीं मिल पाया । केवल इजिप्ट में 19 नवजात को सी सेक्शन के बाद भी मां का दूध मिला। जन्म के तुरंत बाद नवजात को पहला मां का गाढ़ा दूध ही पिलाना चाहिए, यह नवजात की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है और मस्तिष्क के विकास में सहायक होता है। बावजूद इसके पांच में से तीन नवजात मां के पहले गाढ़े दूध से महरूम है। जिसकी वजह सर्जरी द्वारा प्रसव या सी सेक्शन को माना गया है। यूनिसेफ द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह के अवसर पर यह रिपोर्ट जारी की।
रिपोर्ट के अनुसार विकासशील देशों में जन्म के पहले एक घंटे में मां के दूध के सेवन का स्तर सबसे नीचे है। सर्वेक्षण के अनुसार विश्व भर में सात करोड़ आठ लाख बच्चों को जन्म के पहले एक घंटे में मां का दूध नहीं मिल पाता। मां के पहले गाढ़े दूध में कोलेस्ट्र्रम होता है, जिसे लाइफ वैक्सीन भी कहा जाता है। यही नहीं इस पहले घंटे के अलावा स्तनपान में थोड़ी सी भी देरी बच्चे को दूध से मिलने वाले कई फायदों को कम कर देती है। स्तनपान के दौरान मां और शिशु का एक दूसरे के संपर्क में आने से स्तन में दूध के निर्माण की मात्रा बढ़ती है। यूनिसेफ के एक्जीक्यूटिव निदेशक हेनरिटा एच फोरे ने के अनुसार जन्म के पहले एक घंटे में दिया गया मां का दूध नवजात के लिए अमृत के सामान होता है बावजूद इसके हर साल लाखों बच्चे पहले दूध नहीं ले पाते। ईस्टर्न और दक्षिणी अफ्रीका देशों में स्तनपान का स्तर सबसे बेहतर 65 प्रतिशत देखा गया। एरिया पैसिफिक में जन्म के पहले एक घंटे में स्तनपान का स्तर 32 प्रतिशत है।
प्रमुख आंकड़े
– वर्ष 2005 से 2014 के बीच 20 से 52 प्रतिशत बढ़ा सी सेक्शन प्रसव
– इसकी वजह से 40 से 27 प्रतिशत तक कम हुआ पहले एक घंटे में स्तनपान का स्तर
– सी सेक्शन के जरिए जन्म लेने वाले केवल 19 प्रतिशत बच्चों को मिला मां का पहला गाढ़ा दूध।
– 33 प्रतिशत ऐसे बच्चों में जन्म के बाद मौत का प्रतिशत कम पाया गया, जिन्होेंने पहले एक घंटे में मां का दूध पिया।