बाइक चलाते हैं तो सर्द हवा में बचें, हो सकती है यह तकलीफ

People who go out of the house for work, especially those who travel by bike, this can lead to Trigeminal Neuralgia in winter. In which the facial muscles get strained.

नई दिल्ली

पहाड़ो पर लगातार जारी बर्फबारी से दिल्ली में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। घर में रहने वालों के लिए यह मौसम भले ही अधिक नुकसान देह न हों लेकिन घर से बाहर काम पर निकलने वाले विशेषरूप से बाइक से सफर करने वाले लोगों के लिए यह सर्दी में ट्रिजेमिनल न्यूराग्लेरिया हो सकता है। फूड डिलिवरी सेवा में काम करने वाले युवाओं को यह समस्या अधिक हो रही है, जिन्हें कम समय में अपने कस्टमर तक पहुंचना होता है, जिससे वह तेज बाइक चलाते हैं और कानों के माध्यम से सीधे हवा नुकसान पहुंचाती है। टीएन में चेहरे की मांसपेशियों में खिंचाव आ जाता है और कान से लेकर मुंह के जबड़े तक तेज दर्द होता है।

लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल के मेडिसन ओपीडी के डॉ. नरेश कुमार ने बताया कि घर से बाहर निकलने वाले 80 फीसदी लोगों को इस मौसम में माइग्रेन की शिकायत होती है। सर्दी का असर शुरू होते ही युवा माइग्रेन और साइनस दोनों की शिकायत एक साथ लेकर आते हैं, जिसे पेन कीलर से सही नहीं किया जा सकता। दर्द का यह रूप न्यूरोपैथिक भी हो सकता है। इसे सही करने के लिए एंटी इंफ्लेमेटरी दवाएं ही कारगर होती है। जिससे मांसपेशियों के संकुचन को दूर किया जाता है। दिल्ली पेन मैनजमेंट सेंटर के डॉ. जीपी दुरेजा कहते हैं कि शरीर के अन्य हिस्से को सर्दियों से बचा सकते हैं, बावजूद इसके कान, मुंह, नाक और पैरों की छोटी मांसपेशियों पर ठंड का सीधा असर पड़ता है। यही कारण है कि बाइक सवार 40 फीसदी युवाओं में सर्दियों में ट्रिजेमिनल न्यूराग्लेरिया (टीएन)की समस्या होती है। इसमें मस्तिष्क से चेहरे को खून की आपूर्ति करने वाली ट्रिजेमिनल नस में संकुचन हो जाता है। इसके लक्षण चेहरे के एक तरफ तेज दर्द या फिर चेहरे की हल्की विकृति हो सकती है।

कैसे हो इसका इलाज

टीएन की पहचान के बाद कुछ दवाएं और रेडियोफ्रीकवेंसी से इसका इलाज किया जा सकता है, इसके अलावा बाइक सवार युवाओं में इसी मौसम में कंधे, घुटने व कोहनियों में अकड़न की भी शिकायत होती है। जीटीबी अस्पताल के ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. पीपी सिंह कहते हैं कि स्कूली बच्चों क्योंंकि सुबह-सुबह ही घर से निकलते हैं, इसलिए उनमें साइनस और कान में दर्द की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा कोहरे के सीधे संपर्क में रहने वालों को चिल ब्लेन, जुखाम व फ्लू से भी बचने के प्रयास करने चाहिए।

 

 

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