नई दिल्ली,
न्यूरोलॉजी विभाग, सर गंगा राम अस्पताल में कुछ दिन पहले नौ साल की एक बच्ची पहुंची, जिसे मेहंदी लगाने के बाद मिर्गी के दौरे पड़ रहे थे। अध्ययन के बाद यह खुलासा हुआ कि मेहंदी की गंध बच्चे में मिर्गी के दौरों को ट्रिगर कर रही थी केवल लगाने पर ही यह गंध किसी भी माध्यम तक बच्ची पर पहुंचने उसे दौरे पड़ने शुरू हो रहे थे, मिर्गी के दौरों की वजह का यह बेहद असामान्य मामला है। यह केस स्टडी क्लीनिकल न्यूरोफिजियोलॉजी के नवीनतम संस्करण में 23 जनवरी 2023 को प्रकाशित हुई है।
डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोलॉजी सर गंगा राम अस्पताल में 9 साल की एक बच्ची इलाज के लिए पहुंची, जिसे मेहंदी लगाने के बाद पहली बार ऐंठन हुई। उसे 20 सेकंड के लिए गिरने और बेहोशी के कारण उसकी चेतना अचानक गायब हो गई। एक साल बाद मेहंदी लगाने के बाद उसे फिर इसी तरह के दो दौरे पड़े। मिर्गी के दौरे पड़ने की असमान्य अवस्था की जांच और चेकअप के लिए बच्ची को सर गंगा राम अस्पताल लाया गया।
अस्पताल के डिपार्टमेंट ऑफ न्यूरोलॉजी के सीनियर सलाहकार डॉ. (कर्नल) पी.के. सेठी के अनुसार यह रिफ्लेक्स एपिलेप्सी का एक असामान्य मामला था, जहां मिर्गी के दौरे लगातार किसी खुसबू से ट्रिगर हो जाते हैं, जबकि अन्य मिर्गी के दौरे आमतौर पर अकारण होते हैं। हमारे रिपोर्ट किए गए मामले में मेहंदी लगाने से दौरे लगातार इस बच्ची में हो रहे थे।”
अस्पताल की सेटिंग में मरीज के दाहिने हाथ में मेहंदी लगाई गई थी। मेहंदी में एक बहुत ही विशिष्ट मिट्टी की गंध होती है। मेहंदी लगे हाथ को जैसे ही मरीज के सीने के पास लाया गया तो उसे दौरे पड़ने लगे। मरीज बेचैन हो गयी जिसके बाद उसे दौरे पड़ने लग गए । उसके हाथ-पैर ऐंठ गए एवं आंखे ऊपर की ओर चढ़ गई ।
डॉ सेठी ने आगे कहा, “हमारे रोगी में दौरे केवल हाथों और पैरों पर मेहंदी लगाने से शुरू नहीं होते थे, बल्कि यह सुगंध थी जो कार्यात्मक शारीरिक नेटवर्क की उत्तेजना के रूप में काम करती थी। यह एक मिर्गी का खुशबू की वजह से होने वाला असामान्य मामला था। ”
रोगी को सोडियम वैल्प्रोएट निर्धारित किया गया था और माता-पिता को मेहंदी के संपर्क में आने से बचने की सलाह दी गई थी। मरीज अब स्थिर है और दौरे का कोई मामला सामने नहीं आया है।