Liver के हेपेटाइटिस संक्रमण से बचाव है संभव

 

नई दिल्ली

विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायलरी साइंसेस द्वारा लिवर की बिमारियों के संदर्भ में जागरूकता फैलाने के लिए कई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इस वर्ष की हेपेटाइटिस दिवस की थीम ईट्स टाइम फॉर एक्शन रखा गया, कार्यक्रम के माध्यम से स्कूली बच्चों को हेपेटाइटिस के बारे मे जानकारी और इससे बचाव के उपाय बताए गए।

हेपेटाइटिस दिवस पर इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायलरी साइंसेस के निदेशक और चांसलर डॉ़ शिवकुमार सरीन ने बताया कि सभी नवजात शिशुओं को जन्म के तुरंत बाद वैक्सीन देकर हेपेटाइटिस बी के संक्रमण को खत्म किया जा सकता है, इसके लिए वर्ष 2080 तक का लक्ष्य रखा गया है। सरकार के बाद हेपेटाइटिस बी के संक्रमण से बचाव का टीका उपलब्ध है। डॉ़ सरीन ने कहा कि व्यस्कों को तीन चरण का हेपेटाइटिस का बी का वैक्सीन लगना जरूरी है। जिससे दूषित पानी, खाने या फिर या फिर सही तरीके से बिना धुली सब्जियों से होने वाले लिवर के संक्रमण से बचा जा सकता है। मालूम हो कि लिवर के प्रमुख संक्रमण ए बी, व ई का असर पीलिया या टाइफायट के रूप में सामने आता है, जो तेती से खून में बिलूरूबीन का स्तर कम करता है। इसके साथ संक्रमित सीरिंज व असुरक्षित ब्लड चढ़ाने से हेपेटाइटिस सी का संक्रमण होता है, जिसका अभी तक वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। हेपेटाइटिस सी बाकी तीन हेपेटाइटिस के संक्रमण से अधिक घातक माना जाता है। आईएलबीएस स्कूली छात्रों की भागीदारी से लंबे समय से हेपेटाइटिस के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल विश्व हेपेटाइटिस दिवस पर व्यापक स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करता है। 26 जुलाई को आयोजित कार्यक्रम में दिल्ली एनसीआर के 15 स्कूल के 200 बच्चे शामिल हुए। कार्यक्रम में 130 बच्चों ने लोगो प्रतियोगिता में हेपेटाइटिस से जुड़े लोगो डिजाइन किए, जबकि 60 बच्चों ने वाद विवाद प्रतियोगिता में भाग लिया, जिसमें उन्होंने हेपेटाइटिस से जुड़ी जानकारी को एक दूसरे के साथ साझा किया। कार्यक्रम के विजेता बच्चों को पुरस्कार भी वितरित किए गए।

क्या है वायरल हेपेटाइटिस

वायरल हेपेटाइटिस एक गंभीर वैश्विक स्वास्थय समस्या है, सिरोसिस और हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (लिवर कैंसर) सहित पुरानी जिगर की बीमारी का कारण बन सकती है। वैश्विक स्तर पर, अनुमानित 304 मिलियन लोग हेपेटाइटिस बी या सी के साथ रह रहे हैं। लेकिन जांच और उपचार की पहुंच सीमित है, और परिणामस्वरूप, हेपेटाइटिस बी से संक्रमित लोगों में से सिर्फ 3 प्रतिशत को आवश्यक स्वास्थय देखभाल उपलब्ध हो पाती है। प्रत्येक दिन 6,000 नए हेपेटाइटिस संक्रमण विश्व स्तर देखे जाते हैं।  जबकि 3,500 लोगों की जान इस रोके जाने वाले संक्रमण से चली जाती है। हर 30 सेकंड में एक व्यक्ति हेपेटाइटिस से संबंधित बीमारी से मर जाता है। भारत वैश्विक अनुमानित 29.8 मिलियन लोग हेपेटाइटिस बी के साथ रहते हैं और हेपेटाइटिस सी के साथ 5.5 मिलियन, जबकि दुनिया भर में लगभग 11% कुल मिलाकर हेपेटाइटिस के साथ जी रहे हैं। विश्व हेपेटाइटिस दिवस 28 जुलाई को प्रतिवर्ष मनाया जाता है ताकि वायरल हेपेटाइटिस के वैश्विक बोझ के बारे में जागरूकता बढ़ाई जा सके।

 

 

 

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