लखनऊ
लोकबंधु अस्पताल में बीते सोमवार को आग कैसे लगी, इसका खुलासा हो गया है। पांच सदस्यीय टीम का कहना है कि आग लगने की वजह शार्ट सर्किट नहीं बल्कि सिगरेट या बीड़ी है।
जांच रिपोर्ट में कहा गया कि रात करीब साढ़े नौ बजे जब स्टोर बन्द था तब स्टोर के अन्दर शौचालय के पीछे भाग में अचानक आग लग गयी, जिससे स्टोर में रखी ज्वलनशील सामग्री जलने लगी। इससे धुंआ स्टोर से निकलकर कोरिडोर तथा आईसीयू में भरने लगा। स्टाफ के द्वारा द्वितीय तल के मेन स्विच को आफ किया गया और स्टोर के एल्युमिनियम के दरवाजे को तोडक़र आग को बुझाया गया। एसी टेक्नीशियन कर्मी पंकज कुमार शुक्ला का कहना था कि तीन दिन पहले आइसोलेशन वार्ड में लगे एसी की सर्विस की गयी थी। ड्रेनेज पाईप न होने के कारण एसी की विद्युत आपूर्ति एमसीबी से बन्द कर दी गयी थी। अग्निकाण्ड के समय उक्त एसी बंद थे।
जांच टीम ने मौके पर मिले साक्ष्यों, कर्मचारियों के बयान और पूछताछ के आधार पर अपनी रिपार्ट तैयार की है। जांच में देखा कि हास्पिटल के द्वितीय तल पर बने आईसीयू में जाने के लिए कोरीडोर के दाहिनी ओर छह बेड आइसोलेशन फीमेल वार्ड है। इसके पीछे एल-शेप में सर्जिकल स्टोर है। फीमेल वार्ड और पास के नर्सिंग काउण्टर में बने दो शौचालयों में वेंटीलेशन विन्डो एल-शेप स्टोर में खुलती है। स्टोर में कागज के गत्ते के डिब्बों के पैक्ड मैटेरियल, काटन के बण्डल, रबर के दस्ताने, स्प्रिट आदि रखे थे। स्टोर सवेरे 10 से शाम 4 बजे तक खुलता है।
मालूम हो कि लोकबंधु राज नारायण संयुक्त चिकित्सालय में बीते सोमवार 14 अप्रैल की रात आग लग गई थी। आग लगने से प्रथम व द्वितीय तल बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए और मरीजों को जैसे तैसे बाहर निकाला जा सका। भर्ती मरीजों को इलाज के लिए दूसरे अस्पतालों में शिफ्ट कराया गया। सिविल अस्पताल भेजे गए गए मरीज की जान भी चली गई थी। घटना की जांच के लिए प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया था। टीम को 15 दिनों में अपने रिपोर्ट देनी थी मगर जांच दल ने तीन दिन में ही जांच पूरी कर ली।