सफदरजंग में पहला पीडियाट्रिक Bone Marrow Transplant

First Pediatric Bone Marrow Transplant in Safdarjung

New Delhi

सफदरजंग अस्पताल के डॉक्टरों ने नौ साल के बच्चे पर पहला सफलतापूर्वक बोनमैरो प्रत्यारोपण किया है। अस्पताल के पीडियाट्रिक हेमोटोलॉजी ऑनकोलॉजी यानि बच्चों के रक्त कैंसर विभाग द्वारा इस प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। नौ साल का बच्चा हाडकिन लिम्फोमा से पीड़ित था। यह एक तरह का कैंसर होता है जो लिम्फ नोड्स को प्रभावित करता है जो शरीर की इम्यूनिटी या रोगप्रतिरोधक क्षमता हिस्सा है। सफदरजंग अस्पताल में बच्चे की यह प्रक्रिया पूरी तरह निशुल्क की गई।

डॉ़ प्रशांत प्रभाकर के नेतृत्व में प्रत्यारोपण की टीम द्वारा बच्चे का बोनमैरो प्रत्यारोपण किया गया। दो अगस्त को ओटोलोगस (एक मेडिकल प्रक्रिया जिसमें स्वस्थ स्टेम सेल्स को बोन मैरो से लिया जाता है) को लिया गया, जिसके बाद से बच्चे को नियमित कीमोथेरेपी दी गई, सात सितंबर को मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।  बच्चे को अगले दो महीने सघन अवलोकन में रखा जाएगा। वर्धमान महावीर मेडिकल कॉलेज और सफदरजंग अस्पताल में वर्ष 2021 में निदेशक डॉ़ अतुल गोयल के संरक्षण बीएमटी यूनिट  यानि बोनमैरो यूनिट की शुरूआत की गई। बच्चे पर सफलतापूर्वक किए गए बोनमैरो प्रत्यारोपण से ऐसे अन्य बच्चों का भी बेहतर इलाज किया जा सकेगा। अस्पताल की मेडिकल सुप्रिटेंडेंट डॉ़ वंदना तलवार ने कहा कि निजी अस्पतालों के महंगे खर्च से बचने के लिए इस प्रक्रिया को अस्पताल में पूरी तरह निशुल्क किया गया, जो मरीजों को काफी राहत प्रदान करेगा। सफदरजंग अस्पताल के पीडियाट्रिक्स विभाग प्रमुख डॉ. रतन गुप्ता ने बताया कि यह एक टीम वर्क है, जिसमें पीडियाट्रिक विभाग, बोनमैरो ट्रांसप्लांट यूनिट, पैथोलॉजी सहित ब्लड बैंक के विशेषज्ञ शामिल हुए, बेहतर बात यह थी कि सफदरजंग अस्पताल में पूर्व निदेशक डॉ. अतुल गोयल और केंद्रीय स्वास्थय एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सहयोग से एक समग्र बीएमटी यूनिट तैयार की गई। जिसकी बदौलत निजी अस्पतालों में आठ से दस लाख रुपए के खर्च वाले बोन मैरो प्रत्यारोपण को सफदरजंग में निशुल्क किया गया।

बोन मैरो प्रत्यारोपण ब्लड कैंसर लिम्फोमा के इलाज की एक प्रक्रिया है। जिसमें कैंसर जनित सेल्स की जगह स्वस्थ स्टेम सेल्स को प्रत्यारोपित किया जाता है, इन स्वस्थ स्टेम सेल्स को बोन मैरो या रीढ़ की हड्डी (अस्थि मज्जा) से लिया जाता है। लिम्फोमा कैंसर में बच्चों का खून बदलने के अलावा और कोई विकल्प नहीं होता, इसी प्रक्रिया को बोनमैरो प्रत्यापरोण के नाम से जाना जाता है।

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