![Doctors will not accept less than CPA, protest will continue](https://sehat365.com/wp-content/uploads/2024/08/Doctors-Strike.jpg)
नई दिल्ली
बीते आठ दिनों से चल रही देशभर के डॉक्टर्स की हड़ताल पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर हर किसी की निगाह थी। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच मामले की सुनवाई की गई। जिसमें कोर्ट ने मामले के लिए नेशनल टॉस्क फोर्स का गठन करने का आदेश दिया। मामले की अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी, हालांकि आरडीए सीपीए से कम में मानने को तैयार नहीं है। डॉक्टर्स यूनियन का यह भी कहना है कि टॉस्क फोर्स में एक भी जूनियर डॉक्टर को शामिल नहीं किया गया है। हालांकि हड़ताल जारी रखने का फैसला देशभर की आरडीए प्रतिनिधियों व फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन फाइमा के साथ बैठक के बाद किया जाएगा।
कानूनों का गठन करना या विशेष प्रावधान लागू करना सुप्रीम कोर्ट के अधिकार के दायरे में नहीं आता, जबकि डॉक्टर्स सीपीए से कम पर मानने को तैयार नहीं है, इसलिए दोपहर को खबर लिखे जाने तक आरडीए ने हड़ताल जारी रखने के लिए कहा। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित की गई टॉस्क फोर्स में सर्जन व वायस एडमिरल डॉ़ आरके सेरियन, एम्स जोधपुर और दिल्ली के निदेशक, डॉ प्रतिमा मूर्ति निमहंस, बेंगलूरू, सरगंगाराम अस्पताल से डॉ़ रावत, डॉ़ गोवर्धन दत्त, डॉ़ पल्लवी, व अनीता सक्सेना का नाम शामिल है। टॉस्क फोर्स दो महीने में रिपोर्ट फाइल करेगी। कोर्ट में अगली सुनवाई 22 अगस्त को होगी। आरडीए का कहना है कि टॉस्क फोर्स में किसी भी जूनियर डॉक्टर के प्रतिनिधि को शामिल नहीं किया गया है, अधिकतर जगहों पर सीनियर डॉक्टर द्वारा ही जूनियर से 36 घंटे से अधिक काम कराया जाता है। क्या मौजूदा टॉस्क फोर्स जूनियर डॉक्टर्स के साथ न्याय कर पाएगी, आरडीए की मांगों के समर्थन में आईएमए ने भी अपना सहमति पत्र जारी किया है और कहा कि सीपीए तक आंदोलन जारी रहेगा। आईएमए ने आरडीए के राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ रात्रि नौ बजे बैठक आहूत की है। आरएमएल अस्पताल के आरडीए ने इसी बीच सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद हड़ताल वापस लेने का एलान किया, जिसे बाकी आरडीए ने विरोध किया है।